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पाकिस्तान उप-चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी के प्रदर्शन में सुधार, इमरान की पीटीआई आगे

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पद से हटाए जा चुके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने उप-चुनावों में प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वोटों में सेंध लगाकर अपनी खोई जमीन हासिल करने में कुछ हद तक कामयाबी पाई है। सोमवार को सामने आए चुनावी नतीजों के मुताबिक, पीएमएल-एन ने 11 सीटों पर हुए संसदीय उप-चुनावों में चार पर जीत हासिल की। प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से खाली की गई दो सीटों पर पीटीआई को हार का सामना करना पड़ा। वहीं लाहौर की उनकी सीट पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और बन्नू सीट पर मुत्ताहिदा मजलिस अम्ल पार्टी के जाहिद अकरम दुर्रानी को जीत मिली। उप-चुनाव के नतीजों से संघीय या प्रांतीय सरकारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन यह विपक्षी पार्टियों में नई जान फूंकने में मददगार साबित हो सकता है।

पाकिस्तानी संसद के निचले सदन नैशनल असेंबली की 11 सीटों और 24 प्रांतीय सीटों के लिए हुए उप-चुनाव में सत्ताधारी पीटीआई और मुख्य विपक्षी पीएमएल-एन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। चुनाव आयोग ने कहा कि पीएमएल-एन और पीटीआई को चार-चार जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्वादी को दो और मुत्ताहिदा मजलिस अम्ल को एक सीट पर जीत मिली। प्रांतीय विधानसभाओं की 11 सीटों पर पीटीआई को जीत हासिल हुई जबकि पीएमएल-एन को सात सीटें मिली। पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की अगुवाई वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और अवामी नैशनल पार्टी को दो-दो सीटें मिलीं। निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज की। पीएमएल-एन ने पंजाब प्रांत की 11 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव लड़ा जिसमें छह पर उसे जीत हासिल हुई जबकि पीटीआई को पांच सीटें मिली। पीएमएल-एन को पीटीआई का गढ़ माने जाने वाले खैबर-पख्तूनख्वा में विधानसभा की एक सीट पर जीत मिली।

पीएमएल-एन को कई ऐसी सीटों पर जीत मिली जिस पर 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में पीटीआई विजयी हुई थी, लेकिन बाद में उसने यह सीटें खाली कर दी थीं। इनमें नैशनल असेंबली की कम से कम दो सीटें शामिल हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, 92.8 लाख वोटर वोट डालने के योग्य थे। आयोग की ओर से डिजाइन किए गए एक खास ऑनलाइन पोर्टल के जरिए पहली बार विदेशों में बसे पाकिस्तानी नागरिकों ने भी चुनावों में हिस्सा लिया। करीब 7,500 मतदान केंद्रों में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए थलसेना के हजारों जवान, पुलिसकर्मी, पैरामिलिट्री रेंजर्स और फ्रंटियर कोर के जवान तैनात किए गए थे। जिन सीटों पर उप-चुनाव कराए गए, उनमें ज्यादातर ऐसी सीटें हैं जिन्हें 25 जुलाई को हुए आम चुनावों में एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों ने खाली किया था। प्रधानमंत्री इमरान ने पांच सीटें जीती थीं और उनमें से चार खाली कर दीं। इन चार सीटों पर भी उप-चुनाव कराए गए।

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