नई दिल्ली। अमेरिका की सरकारी विकास रिण एजेंसी ओपीआईसी भारत के बुनियादी ढांचा, बंदरगाह और सौर ऊर्जा क्षेत्रों के विकास में निवेश की इच्छुक है। अमेरिका एक एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही। विदेशी निजी निवेश निगम (ओपीआईसी) के कार्यकारी उपाध्यक्ष डेविड बोहिगियन ने कहा कि निश्चित रूप से अमेरिका सरकार की हिंद प्रशांत रणनीति में भारत सबसे महत्वपूर्ण है। बोहिगियन इस समय भारत यात्रा पर हैं। ओपीआईसी अमेरिका सरकार की एजेंसी है जो अमेरिकी कंपनियों को उभरते बाजारों में निवेश में मदद करती है। यहां संवाददाताओं से बातचीत में बोहिगियन ने कहा, ‘‘हम भारत में सभी क्षेत्रों में निवेश की संभावना देख रहे हैं। इनमें बुनियादी ढांचा विकास, बंदरगाह विकास और सौर ऊर्जा क्षेत्र शामिल हैं।’’ हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ओपीआईसी का भारत में निवेश के लिए कोई नंबर का आंकड़ा नहीं है। हम भारत में परियोजनाओं के आधार पर निवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि जब देश किसी स्रोत से विकास वित्त लेते हैं, तो नीति निर्माताओं को निश्चित रूप से संबंधित देश की अखंडता, अधिकार और पारदर्शिता का ध्यान रखना चाहिए। बोहिगियन ने कहा कि ओपीआईसी का 90 देशों में 23 अरब डॉलर का पोर्टफोलियो है। यह लगभग सभी क्षेत्रों लघु, मझोले उपक्रमों से लेकर बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं तक में है। उन्होंने बताया कि भारत में डेढ़ अरब डॉलर की करीब 40 परियोजनाएं हैं।
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