नई दिल्ली। भारत में बढ़ती बेरोजगारी को कम करने के लिए सरकार नए प्लान पर काम कर रही है। इसके तहत प्लम्बर, कारपेंटर, ब्यूटिशियन जैसे आदि कामों की तरफ युवाओं का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। सरकार की स्किल डिवेलपमेंट मिनिस्ट्री इसमें जुटी हुई है। उसके स्किल प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य लोगों की ऐसे कामों के प्रति रुचि बढ़ाना है जिन्हें ‘छोटा’ समझा जाता है। जैसे घरेलू मरम्मत और मामूली नवीनीकरण करने के काम आदि। स्किल डिवेलपमेंट मिनिस्ट्री के सदस्य के पी कृष्णन ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सरकार लोगों में व्यवसायिक स्किल डिवेलप करने पर जोर देगी। पी कृष्णन मानते हैं कि बेरोजगारी का मुख्य कारण स्किल की कमी और कुछ कामों को न करने की इच्छा है। ये वे काम हैं जिन्हें समाज छोटा (गुलाम का सा) मानता है। इस बात को समझाते हुए पी कृष्णन कहते हैं, ‘लोग हेयरड्रेसर बनने से ज्यादा सरकारी दफ्तर में क्लर्क, चपरासी बनना पसंद करते हैं। जबकि हेयरड्रेसर चपरासी से ज्यादा कमाएगा।’ पी कृष्णन इसके लिए जाति व्यवस्था को भी जिम्मेदार मानते हैं। लोगों की कौशल क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार जोरों-शोरों से तैयारी कर रही है। इसके तहत आने वाले चार सालों में 40 करोड़ लोगों की कौशल क्षमता बढ़ाएगी। इस प्लान पर सरकार 5.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। युवाओं के लिए नौकरियां पैदा करके मोदी सरकार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को भी साधने की कोशिश में है। दरअसल, 2014 में हुए चुनाव से पहले मोदी ने युवाओं के लिए ज्यादा नौकरियां पैदा करने का वादा किया था, ऐसे में अगर नौकरियां नहीं पैदा हुईं तो 2019 में बीजेपी को दिक्कतों का सामना करना होगा।
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