नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक को संचालित करने वाली कंपनी फेसबुक इंक के चार बड़े अमेरिकी शेयरधारकों ने सीईओ मार्क जकरबर्ग को कंपनी के चेयरमैन पद से हटाने का प्रस्ताव रखा है। उनका यह प्रस्ताव कई बड़े विवादित घोटाले सामने आने के बाद आया है। इन शेयरधारकों को उम्मीद है कि उनके प्रस्ताव को बड़े-बड़े ऐसेट मैनेजरों का भी समर्थन मिलेगा। इलियोनिस, रोड आइलैंड और पेन्सिवेनिया से स्टेट ट्रेजरर्स एवं न्यू यॉर्क सिटी कंप्ट्रोलर स्कॉट स्ट्रिंगर ने मिलकर यह प्रस्ताव रखा है। वर्ष 2017 में इसी तरह का प्रस्ताव खारिज हो गया था। हालांकि, तब भी इनमें से तीन शेयरधारकों ने प्रस्ताव का समर्थन किया था। दरअसल, फेसबुक का मेजॉरिटी शेयर खुद जकरबर्ग के पास है, इसलिए बाहरी प्रस्ताव सिर्फ सांकेतिक बनकर रह जाते हैं। शेयर बाजार को अप्रैल में कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, फेसबुक में जकरबर्ग की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
रोड आइलैंड स्टेट ट्रेजरर सेत मैगजिनर ने कहा कि ताजा प्रस्ताव लाना फेसबुक की समस्या और इसका समाधान क्या हो, इसके तरफ ध्यान आकृष्ट करने के लिहाज से सार्थक है। मैगजिनर ने एक टेलिफोन इंटरव्यू में कहा, ‘इससे हमें वार्षिक बैठक में इस पर संवाद शुरू करने की अनुमति मिलेगी।’ फेसबुक की एक प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि कैंब्रिज ऐनालिटिका नाम की एक कंपनी ने पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में फेसबुक डेटा का इस्तेमाल किया था। इसका खुलासा होने के बाद दुनियाभर में बवाल मच गया। फिर फेसबुक ने भी माना कि लगभग 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स का डेटा कैंब्रिज ऐनालिटिका का साथ शेयर किया गया। उसके बाद मार्क जकरबर्ग को अमेरिकी संसद ने तलब किया और भारत सरकार ने भी कंपनी को नोटिस दिया। कैंब्रिज एनालिटिका राजनीतिक और कॉर्पोरेट ग्राहकों को उपभोक्ता अनुसंधान से लेकर, लक्ष्य आधारित ऐडवर्टाइजिंग और अन्य डेटा-संबंधित सेवाएं देती है। इस कंपनी के कई जगहों पर ऑफिस हैं, जिनमें न्यू यॉर्क, वॉशिंगटन, लंदन, ब्राजील और मलेशिया शामिल हैं।