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अमेरिका के नए ग्रीन कार्ड नियम से बढ़ेंगी भारतीय पैरंट्स की दिक्कत

मुंबई अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के नए नियम से वहां रह रहे भारतीयों की परेशानी बढ़ सकती है। ट्रंप प्रशासन के प्रस्तावित ड्राफ्ट के मुताबिक वहां रह रहे भारतीय, जो अब अमेरिका के ही नागरिक हैं, को अपने माता-पिता के ग्रीन कार्ड के लिए पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। नए प्रपोजल के तहत ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए फॉर्म आई-944 सब्मिट करना जरूरी होगा। इस फॉर्म के जरिए प्रशासन उस व्यक्ति का आयु, अंग्रेजी भाषा की जानकारी, आर्थिक स्तर, ऐजुकेशन जॉब प्रफाइल जैसी जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी। इसमें कई मोर्चों के आधार पर अमेरिकी प्रशाासन ग्रीन कार्ड देने से मना कर सकता है। कहा जा रहा है कि ग्रीन कार्ड देने से पहले आर्थिक पहलू पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।

बताया जा रहा है कि जिन लोगों की वित्तीय सम्पत्ति फेडरल गरीबी मापदंड के तहत 250 प्रतिशत से कम होगी उन्हें ग्रीन मिलने से रोका जा सकता है। भारत से निर्वासित करीब 25 प्रतिशत लोगों की आय 250 प्रतिशत से कम है (वित्त वर्ष 2014-15 के अनुसार)। परिवार की स्पॉन्सशिप के जरिए ग्रीन कार्ड पाने वालों का प्रतिशत सबसे ज्यादा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि प्रस्ताव के पास होने के बाद फैमिली इमीग्रेशन में गिरावट आएगी। 2016 तक जिन भारतीयों को 64,687 ग्रीन कार्ड दिए गए, उनमें से 65 प्रतिशत फैमिली स्पॉन्सर्ड थे। स्टेट माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टिट्यूट ने यह रिपोर्ट दी है। इमीग्रेशन मामलों के जानकारी के मुताबिक, नए प्रपोजल का सबसे ज्यादा प्रभाव भारतीय पैरंट्स पर पड़ेगा।

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