नईदिल्ली, ०२ जुलाई। शुक्रवार को एजबेस्टन टेस्ट की शुरुआत हुई तो पहला सत्र देखकर लगा कि भारतीय टीम यहां बिना तैयारी के ही पहुंच गई है। शुबमन गिल (१७), चेतेश्वर पुजारा (१३) और हनुमा विहारी (११) पहले सत्र के खेल में ही आउट हो गए थे। स्कोरबोर्ड पर अभी ६४ रन ही थे। बारिश से खेल रुका तो अंपायरों ने लंच की घोषणा कर दी। इसके बाद दूसरे सत्र में भारतीय टीम और भी मुश्किल में दिखी। अब उसके सबसे बड़े बल्लेबाज विराट कोहली (११) भी आउट हो गए। इसके अलावा श्रेयस अय्यर (१५) ने कुछ भरोसेमंद शॉट तो लगाए लेकिन वह भी जेम्स एंडरसन के अनुभव का शिकार हो गए।
सिर्फ ९८ रन के स्कोर पर भारत ने ५ विकेट गंवा दिए। अब मुश्किल में फंसी टीम इंडिया का १५० रन तक पहुंचना में चुनौतीपूर्ण दिख रहा था और लग रहा था कि इंग्लैंड इस टेस्ट मैच को ३ दिन में ही अपने नाम कर ५ टेस्ट की सीरीज को २-२ से बराबर कर देगा।
लेकिन वो कहते हैं न खेल अभी बाकी है। तो ऋषभ पंत ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर यही बात अपने बल्ले की भाषा में इंग्लैंड को समझाई। बहुत देर तक तो इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को समझ ही नहीं आया कि आखिर करना क्या है। वह अपनी अटैकिंग क्रिकेट के वादे पर अड़ हुए थे और उन्होंने ४-४ स्लिप तैनात कर रखी थीं। लेकिन जब उन्होंने खेल को हाथ से जाते देखा तो फिर फील्डिंग में बदलाव भी किया और स्लिप हटाकर फील्डरों को मैदान पर फैलाया भी।
लेकिन अब इंग्लैंड के नजरिए से यह खेल नहीं चल पा रहा था। रवींद्र जडेजा संयम दिखा रहे थे और ऋषभ पंत को उनका स्वाभाविक खेल खेलने की आजादी थी। पंत ने भी निराश नहीं किया। देखते ही देखते उन्होंने अपने टेस्ट करियर का ५वां शतक ठोक दिया।
स्कोरबोर्ड पर अब रन बरस रहे थे और इंग्लैंड विकेट को तरस रहा था। पंत ने १११ गेंदों की अपनी पारी में २० चौके और ४ छ्क्कों की मदद से १४६ रन बनाए। अंत में वह जो रूट की गेंद पर स्लिप में जैक क्राउली को कैच थमा बैठे. इस तरह छठे विकेट के लिए २२२ की साझेदारी का अंत हुआ।
दिन का खेल खत्म होने तक शार्दुल ठाकुर (१) भी बेन स्टोक्स का शिकार बन गए। स्टंप्स के समय भारत का स्कोर ७ विकेट पर ३३७ रन था और रवींद्र जडेजा ने भी पंत के आउट होने के बाद अपनी रन गति को तेज कर दिया था। जडेजा ८३ रन बनाकर नाबाद लौटे हैं। अब उसने मैच के दूसरे दिन शतक जमाकर भारत को और मजबूत स्थिति में पहुंचाने की आस होगी।
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