नयी दिल्ली ,०१ जून । केंद्र सरकार ने कहा कि उसने राज्य सरकारों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति के बकाए के निपटान के लिए ८६,९१२ करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इससे राज्यों का इस मद पर ३१ मई २०२२ तक का पूरा बकाया बेबाक हो चुका है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह फैसला राज्यों को संसाधनों के बेहतर प्रबंध में मदद और यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि वे चालू वित्त वर्ष में विशेष रूप से अपने पूंजीगत व्यय कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू कर सकें।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि उसके पास जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष में करीब २५,००० करोड़ रुपये थे। उसने अपने कोष से धन जोड़कर राज्यों को क्षतिपूर्ति की राशि चुकायी है। केंद्र अपने कोष की भरपाई जीएसटी सैस की वसूली से करेगा।
गौरतलब है कि ०१ जुलाई २०१७ को जीएसटी लागू किए जाने के समय राज्यों को आश्वासन दिया था कि वह पहले पांच साल तक उनके राजस्व में जीएसटी लागू होने के कारण आयी कमी की भरपाई करेगा। इसके लिए जीएसटी (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम २०१७ में इसके तहत पांच साल की क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया था। इसके लिए जीएसटी में विलास्ता की वस्तुएं और शराब आदि जैसी अहितकर चीजों पर विशेष उपकर लगाने का प्रावधान किया गया है।
