विदेशी निवेशकों की पैसे निकालने की मुख्य वजह कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों, व्यापार मोर्चे पर जारी तनाव और अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल बढ़ना रहा है। यह आंकड़ा सितंबर महीने में प्रतिभूति बाजार से हुई कुल निकासी से भी अधिक है।
बता दें कि जुलाई-अगस्त में निवेशकों ने प्रतिभूति बाजार (शेयर और ऋण) में शुद्ध रूप से 7,400 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कुल जमा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 1-19 अक्टूबर के दौरान 19,810 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और ऋण बाजार से 12,167 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह एफपीआई ने कुल 31,977 करोड़ रुपये (4.3 अरब डॉलर) निकाले हैं।
अगर इस साल के कुछ महीने को छोड़ दें तो विदेशी निवेशक बाकी समय शुद्ध बिकवाल रहे। एक्सपर्ट का कहना है कि विदेशी निवेशकों की निकासी की मुख्य वजह अमेरिका और चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर बढ़ते तनाव के कारण सुस्त पड़ती विश्व अर्थव्यवस्था की चिंताओं का होना है।