लखनऊ . उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को एक पुलिसकर्मी ने एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी और बाद में उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. एडीजी, पुलिस ने इस मामले में खेद जताते हुए कहा है कि यह घटना हमारे लिए शर्मनाक है. पुलिस ने आरोपी दोनों सिपाहियों को जेल भेज दिया है. वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है .यह कोई एनकाउंटर नहीं है और जरूरी हुआ तो मामले की सीबीआई जांच करवाएंगे. घटना के बाद पुलिस पर चौतरफा दवाब है. मामले पर पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी है. एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि इस घटना की जांच के लिए एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. उन्होंने कहा कि दोनों सिपाहियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं इसलिए उन पर हत्या का केस दर्ज हुआ है. वहीं एडीजी ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने से हत्या होने की बात साबित हुई है. एसएसपी ने बताया कि यह घटना सुनियोजित नहीं थी. उन्होंने कहा कि घटना रात एक से डेढ़ बजे के बीच की है और इस दौरान एसयूवी की मोटर साइकिल से टक्कर हुई थी. वहीं विवेक की सहकर्मी और घटना की चश्मदीद सना के बयान न देने पर एसएसपी ने कहा कि वो चाहे तो मीडिया के सामने आ सकती है उन पर किसी तरह का दवाब नहीं है. एसएसपी नैथानी ने बताया कि दोनों सिपाहियों के घुटनों में भी चोट आई है लेकिन इसकी सत्यता की पुष्टि की जा रही है. उन्होंने कहा कि सिपाहियों की मोटरसाइकिल भी डैमेज हुई है लेकिन पर्याप्त विवेचना के बाद पता चल पाएगा कि यह सही है कि नहीं. आरोपी सिपाहियों के नाम प्रशांत चौधरी और संदीप हैं. एक सवाल के जवाब में एसएसपी ने कहा कि विवेक के करेक्टर को लेकर किसी ने कोई बयान नहीं दिया है और ना ही उनका कोई चरित्र हनन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जिम्मेदारी दूसरे पुलिस थाने को दी गई है तांकि मामले की स्पष्टता के साथ जांच हो सके.
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