वॉशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को फैसला किया कि 2019 में सिर्फ 30,000 शरणार्थियों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जबकि 2018 में यह संख्या 45,000 है। विदेश मंत्रीमाइक पॉम्पियो + ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2019 में शरणार्थियों और शरण मांगने वालों की तादाद बढ़कर 3,10,000 हो जाएगी। नए मानदंडों के तहत हमने अगले साल 30,000 शरणार्थियों + को शरण देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि संभावना है कि अमेरिका शरण मांगने वाले 2,80,000 से ज्यादा लोगों की अर्जियों पर भी विचार करेगा। पॉम्पियो ने कहा कि फिलहाल अमेरिका + में 8,00,000 से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिन्होंने देश में शरण पाने के लिए आवेदन दिया है और उनकी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।
पॉम्पियो ने यह भी कहा, ‘अमेरिका लंबे समय से शरणार्थियों को शरण और बेहतर जीवन अवसर दे रहा है। हमारी पहचान विश्व के सबसे उदार देश के रूप में बनी है। सिर्फ एक फैसले के आधार पर हमारी नीयत को नहीं परखा जा सकता। हम बदहाल परिस्थितियों में रहनेवाले शरणार्थियों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं।’ बता दें कि शरणार्थियों और दूसरे मुल्क से अमेरिका आनेवालों के प्रति ट्रंप प्रशासन + की सख्ती की पहले भी काफी आलोचना हो चुकी है। हालांकि, आलोचनाओं से बेपरवाह ट्रंप बार-बार अमेरिका फर्स्ट की अपनी नीति को दोहराते रहे हैं। मध्यावधि चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाया है। इंटरनैशनल रेस्क्यू कमिटी ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिकी प्रशासन का फैसला न सिर्फ मानवीय आधार पर गलत है, बल्कि यह जिम्मेदारियों के सामूहिक वहन से पीछे हटनेवाला भी है।
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