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वनडे क्रिकेट को प्रासंगिक बनाए रखना एक बड़ी चुनौती: मैकग्रा

चेन्नई, ०३ अगस्त। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ ग्लेन मैकग्रा व्यक्तिगत तौर पर अभी भी ५०-ओवर क्रिकेट से प्यार करते हैं, लेकिन उनका मानना है कि क्रिकेट के अधिकारियों के सामने वनडे क्रिकेट को प्रासंगिक रखने की बड़ी चुनौती है। एमआरएफ़ पेस फ़ाउंडेशन के क्रिकेट निदेशक मैकग्रा का यह भी कहना है कि क्रिकेटर की असली परीक्षा टेस्ट क्रिकेट में ही होती है। मैकग्रा ने पत्रकारों से कहा, मैं परंपरा में विश्वास रखने वाला व्यक्ति हूं और मुझे टेस्ट क्रिकेट और वनडे क्रिकेट से प्यार रहा है। टेस्ट क्रिकेट मेरे लिए सर्वोपरि है। मैं उम्मीद करता हूं हम इसका सम्मान करेंगे। जहां तक वनडे क्रिकेट का सवाल है, यह तब तक रोमांचक रहता है जब तक लोग रन बनाते हैं। वनडे का भविष्य कैसा होगा यह देखने की बात है। इसे रोमांचक रखना एक चुनौतीपूर्ण बात है। मैकग्रा का मानना है कि अगर किसी एक प्रारूप का चुनाव करना हो तो युवा क्रिकेटर वनडे क्रिकेट के आगे टी२० क्रिकेट खेलना चाहेंगे। उन्होंने कहा, अगर आप देखें तो कुछ समय से कई देश वनडे और टी२० में अलग टीमें रखने लगी हैं। टी२० क्रिकेट में पैसा भी अधिक है। भविष्य में युवा खिलाड़ी ज़रूर टी२० क्रिकेट ही खेलना पसंद करेंगे। एमआरएफ़ पेस अकादमी के साथ मैकग्रा का संबंध जल्दी ही एक दशक पूरा कर लेगा और उन्होंने इस अवधि पर संतोष जताते हुए प्रसिद्ध कृष्णा और आवेश ख़ान जैसे खिलाडिय़ों की सफलता पर टिप्पणी दी। उन्होंने कहा, १० साल एक लंबा समय है, हालांकि पिछले दो साल भुलाने लायक थे। हमारा लक्ष्य था डेनिस (लिली) के काम को जारी रखना। वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ी कोच हैं। हमें आने वाली पीढ़ी को इस मामले में आत्मनिर्भर बनाना है।
आगे उन्होंने कहा, हाल ही में आईपीएल में २९ ऐसे गेंदबाज़ थे जो यहां अभ्यास करते हैं या कर चुके हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है। प्रसिद्ध और आवेश सीमित ओवर क्रिकेट में भारत के लिए खेल रहे हैं और यह एक अच्छा अनुभव है।

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