84 Views

भारत, ईयू के बीच नौ वर्ष बाद मुक्त व्यापार समझौता वार्ता शुरू

नयी दिल्ली ,१९ जून । भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) और के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता नौ वर्ष के अंतराल के बाद फिर शुरू हो गयी है।
ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ (ईयू) के मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित एक संयुक्त कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री पीयूष गोयल और यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष वाल्डिस डोम्ब्रोव्स्की ने एफटीए के अलावा निवेश संरक्षण (आईपीए) और व्यापार में विशिष्ट भौगोलिक पहचान वाली वस्तुओं के बारे में भौगोलिक संकेतक (जीआई) को लेकर समझौतों की वार्ता की औपचारिक शुरुआत की। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में दी गयी।
विज्ञप्ति के अनुसार तीनों समझौतों के लिए पहले दौर की वार्ता २७ जून से १ जुलाई तक नई दिल्ली में होगी।दोनों पक्ष समानांतर तौर पर तीनों समझौतों पर बातचीत करने और उन्हें एक साथ समाप्त करने का लक्ष्य बना रहे हैं।
पिछले साल, ०८ मई को पोर्टो में आयोजित भारत और यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक में, एक संतुलित, महत्वाकांक्षी, व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू करने और आईपीए पर नए सिरे से बातचीत शुरू करने और जीआई पर एक अलग समझौता-वार्ता के लिए एक सहमति बनी थी।
भारत-ईयू व्यापार वार्ता लगभग नौ साल के अंतराल के बाद फिर शुरू हुई है। दोनों पक्षों के बीच २०१३ में बातचीत में समझौते की सीमाओं और अपेक्षाओं को लेकर अंतर होने के कारण वार्ता छोड़ दी गयी थी।
अप्रैल २०२२ में यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन की दिल्ली यात्रा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल की यूरोप यात्रा ने मुक्त व्यापार समझौता वार्ता को गति दी और वार्ता के लिए एक स्पष्ट रोडमैप को निर्धारित करने में मदद की।
यूरोपीय संघ अमेरिका के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत-यूरोपीय संघ के व्यापारिक कारोबार ने २०२१-२२ में ४३.५ प्रतिशत की वृद्धि के साथ ११६.३६ अरब डालर मूल्य का व्यापार हुआ था जो अब तक सबसे ऊंचा आंकड़ा है।इस अवधि में यूरोपीय संघ को भारत का निर्यात ५७ प्रतिशत बढ़कर ६५ अरब हो गया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का कहना है कि दोनों पक्ष विश्व के दो प्रमुख खुले बाजार हैं और उनके बीच व्यापार समझौता आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और सुरक्षित करने, हमारे व्यवसायों के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने और लोगों को महत्वपूर्ण लाभ लाने में मदद करेगा।
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष निष्पक्षता और पारस्परिकता के सिद्धांतों के आधार पर व्यापार वार्ता को विस्तृत,संतुलित और व्यापक बनाने का लक्ष्य तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा इसके माध्यम से ऐसे मुद्दों को हल करने पर भी चर्चा होगी जो द्विपक्षीय व्यापार में बाधक बन रहे हैं।
भारत ने इस वर्ष के प्रारंभ में बहुत कम समय में ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मुक्त व्यापार समझौता संपन्न किया है। कैनेडा और ब्रिटेन के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता वार्ता चल रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top