लखनऊ ,०६ अक्टूबर । भारतीय टीम के युवा खिलाडिय़ों के पास दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गुरुवार को शुरू होने वाली तीन मैचों की एकदिवसीय शृंखला में खुद को साबित करने का एक और मौका होगा।
यह खिलाड़ी इससे पहले वेस्ट इंडीज और जिम्बाब्वे में भी एकदिवसीय शृंखलाएं जीतकर आ चुके हैं, जिसने निश्चित ही इन्हें आत्मविश्वास दिया होगा।
शिखर धवन की कप्तानी में भारत ने वेस्ट इंडीज और जि़म्बाब्वे दोनों को ३-० से क्लीन स्वीप किया था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका जैसी बड़ी टीम के खिलाफ यह एकादश पहली बार खेलने उतरेगा।
पिछली दोनों श्रृंखलाओं में बल्ले से रन बरसाने वाले शुभमन गिल इस सीरीज के लिये टीम में वापस आ रहे हैं। शुभमन ने अपना आखिरी मैच जि़म्बाब्वे के साथ खेलते हुए १३० रन बनाये थे और वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी अपनी फॉर्म को जारी रखना चाहेंगे।
कप्तान और सलामी बल्लेबाज धवन ने भी भारत में होने वाले आईसीसी विश्व कप २०२३ के लिये टीम में जगह बनाने की अपनी मंशा जाहिर कर दी है। इस लिहाज से यह तीन मैच उनके लिये महत्वपूर्ण होंगे। शिखर ने पिछले एक साल में इंग्लैंड, वेस्ट इंडीज और जिम्बाब्वे में खेली गयी एकदिवसीय शृंखलाओं में नियमित रूप से रन बनाये हैं, हालांकि उनका स्ट्राइक रेट रोज़ाना बदलते तेजरफ्तार खेल के अनुरूप नहीं है।
रजत पाटीदार और मुकेश सिंह ने घरेलू क्रिकेट से अपना रास्ता तराशते हुए भारतीय स्चड में जगह बनाई है, और यदी वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलते हैं तो उनके पास बड़े मंच पर अपना लोहा मनवाने का अवसर होगा।
रजत पाटीदार पिछले छह महीने में आईपीएल फाइनल और रणजी ट्रॉफी फाइनल में शतक जडऩे के बाद न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ अनौपचारिक टेस्ट मैच में भी शतक जड़ चुके हैं। शतकवीर पाटीदार यदि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो वह भारत की मुख्य टीम में आने के मजबूत दावेदार बन जाएंगे।
दूसरी ओर, मुकेश सिंह रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में पांच विकेट लेने के बाद न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। वह अपने प्रदर्शन के आधार पर डेथ ओवरों में जूझती भारतीय टीम के लिये एक अच्छे विकल्प बन सकते हैं।
