नई दिल्ली, 14 अगस्त। भारतीय ई-कॉमर्स बाजार पर कब्जा जमाने का सपना देख रही अमेजन और वॉलमार्ट के मालिकाना हक वाली फ्लिपकार्ट के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। सरकार ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स डेवलप करने का प्लान ई-कॉमर्स मार्केट में एकाधिकार खत्म करने के लिए बनाया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को यह बात कही। सरकार की यह योजना भारत के 800 अरब डॉलर के रिटेल मार्केट पर दबदबा कायम करने के अमेजन और वॉलमार्ट के मंसूबों पर लगाम लगा सकती है। ई-कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क बनाने की योजना पर सरकार का बयान तब आया है, जब दोनों दिग्गज ई-कॉमर्स दिग्गजों के खिलाफ कॉम्पिटिशन को दबाने के आरोपों की जांच हो रही है।
वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से पेश ओपन ई-कॉमर्स नेटवर्क की योजना का मकसद व्यापक डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के जरिए सामान ही नहीं सेवाओं की भी खरीद-फरोख्त से जुड़े सभी पहलू को बढ़ावा देना है। सरकार के मुताबिक डिजिटल पेमेंट स्पेस में जो काम यूपीआई का है, वही ई-कॉमर्स स्पेस में ओएनडीसी का होगा।
सरकार की पहल का मकसद डिजिटल ई-कॉमर्स स्पेस में सबके लिए बराबरी के मौके बनाना है। सरकारी ओपन मार्केट ओएनडीसी किसी प्लेटफॉर्म से जुड़ा नहीं होगा, बल्कि सबके लिए उपलब्ध होगा। अभी ई-कॉमर्स स्पेस प्लेटफॉर्म पर केंद्रित है यानी प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने और बेचने वालों का एक प्लेटफॉर्म पर होना या एक एप्लिकेशन का इस्तेमाल करना जरूरी है।
अगर यह सिस्टम लागू हो जाता है और इसको घरेलू ई-कॉमर्स स्पेस में सबके लिए जरूरी बना दिया जाता है, तो ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन या फ्लिपकार्ट, सबको कारोबार के सभी पहलू के लिए एकसमान प्रक्रिया अपनानी होगी। इससे छोटी और नई ऑनलाइन रिटेल कंपनियों के प्लेटफॉर्म को खूब बढ़ावा मिलेगा।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नए सेलर्स आएंगे, उनकी पहचान के क्या मानक होंगे, मार्केट प्राइस कैसे तय होगा और प्रॉडक्ट कैटलॉगिंग कैसे होगी यानी उनके बारे में जानकारी कैसे दी जाएगी, यह सब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की तर्ज पर ओपन सोर्स बेस्ड होगा।
