लखनऊ। 2019 के आम चुनावों की दस्तक से महज कुछ महीने पहले अयोध्या विवाद एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी नेताओं की बयानबाजी के बीच अब बाबा रामदेव ने बड़ा बयान दिया है। बाबा रामदेव ने कहा है कि संतों/राम भक्तों ने संकल्प किया है कि राम मंदिर में अब और देर नहीं। उन्होंने कहा है कि मुझे लगता है कि इसी वर्ष शुभ समाचार देश को मिलेगा। उधर, राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष राम विलास वेदांती ने ऐलान किया है कि अयोध्या में दिसंबर में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उन्होंने दावा किया है कि अध्यादेश से नहीं बल्कि आपसी सहमति से ऐसा होगा। हालांकि यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अलग ही सुर में बात करते नजर आ रहे हैं। राम मंदिर के मसले पर बोलते हुए रामदेव ने कहा, ‘यदि न्यायालय के निर्णय में देर हुई तो संसद में जरूर इसका बिल आएगा, आना ही चाहिए। रामजन्मभूमि पर राम मंदिर नहीं बनेगा तो किसका बनेगा? संतों/राम भक्तों ने संकल्प किया अब राम मंदिर में और देर नहीं। मुझे लगता है कि इस वर्ष शुभ समाचार देश को मिलेगा।’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई टलने के बाद इस मसले पर राजनीति तेज हो गई है। संघ प्रमुख ने पिछले दिनों मोदी सरकार को राम मंदिर पर अध्यादेश पर भी विचार करने को कहा था।
हालांकि संघ ने साफ कर दिया है कि यह सरकार के ऊपर है कि क्या फैसला लेती है, लेकिन जरूरत पड़ने पर 1992 जैसा आंदोलन भी करने की बात कही गई है। उधर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बयान दिया है कि अयोध्या पर दिवाली तक खुशखबरी देंगे। माना जा रहा है कि वह सरयू तट पर राम की भव्य मूर्ति बनाने का ऐलान कर सकते हैं। इससे पहले संघ विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कह चुके हैं। इसी बीच राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष वेदांती का बयान भी सामने आ गया है। वेदांती ने कहा है कि आपसी सहमति से अयोध्या में दिसंबर से मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मस्जिद लखनऊ में बनाई जाएगी। बीजेपी के पूर्व सांसद वेदांती राम मंदिर को लेकर अक्सर बयानबाजी करते रहते हैं। वेदांती इससे पहले भी कह चुके हैं कि कोर्ट का आदेश नहीं आया तो भी अयोध्या में मंदिर ही बनेगा। एक तरफ बीजेपी के पूर्व सांसद वेदांती राम मंदिर पर ऐलान कर रहे हैं, वहीं यूपी के डेप्युटी सीएम केशव अलग ही बात कर रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि राम मंदिर का मामला न्यायपालिका में विचाराधीन है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें अयोध्या में रामलला की भव्य प्रतिमा बनाने से कोई नहीं रोक रहा। अगर हमें कोई रोकता है तो हम देंखेगे। अयोध्या का विकास करने से हमें कोई नहीं रोक सकता।’
सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही अयोध्या मामले की सुनवाई को टाला इसे लेकर तमाम तरह की बयानबाजी शुरू हो गई। शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर राय रखी। सरकार पर फिर दबाव बनाते हुए संघ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 1992 की तरह एक नया जन-आंदोलन शुरू करने के संकेत दिए। आरएसएस महासचिव (सरकार्यवाह) सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, ‘हमें भरोसा है कि राम मंदिर जल्द बनेगा। हम पहले ही लंबा इंतजार कर चुके हैं और अनिश्चित काल तक इंतजार नहीं कर सकते। अगर जरूरी हुआ तो हम मंदिर के लिए एक जन आंदोलन शुरू करेंगे।’ उन्होंने अदालत से राम मंदिर जैसे संवेदनशील मामले पर प्राथमिकता के साथ ‘हिंदू भावना’ का ख्याल रखते हुए विचार करने का आग्रह किया।
अयोध्या मसले पर संघ की ताजा राय सामने आते ही ओवैसी ने इस मामले में कूद पड़े। संघ पर हमला बोलते हुए एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि शीर्ष अदालत भावनाओं के आधार पर फैसला नहीं ले सकती। ओवैसी ने भैयाजी जोशी की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि ‘हिंदू भावना’ के आधार पर उच्चतम न्यायालय फैसला नहीं कर सकता है । ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘वह (जोशी) अब भी भारत के संविधान को नकार रहे हैं। आस्था, भावना इत्यादि कुछ भी प्रासंगिक नहीं है और केवल इंसाफ प्रासंगिक है।’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुनवाई जनवरी, 2019 के पहले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी थी। अब एक उचित पीठ सुनवाई का कार्यक्रम तय करेगी। जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकील सीएस वैद्यनाथन ने क्रमश: उत्तर प्रदेश सरकार और रामलला की ओर पक्ष रखते हुए मामले में अपीलों पर जल्द सुनवाई की मांग की तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, ‘हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं। मामले में सुनवाई जनवरी में होगी, फरवरी में होगी या मार्च में होगी, यह उचित पीठ तय करेगी।’
