नई दिल्ली। सेना के टॉप कमांडरों ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने ऑफिसर काडर के नवीनीकरण के मेगा प्लान को मंजूरी दे दी है। इस प्लान के तहत, न सिर्फ वर्षों पुराने कमांड्स को खत्म कर सेना को ‘सही आकार’ दिया जाएगा, बल्कि बढ़ते खर्च को भी नियंत्रित किया जाएगा। सेना में सुधारकी यह योजना काफी समय से लंबित थी। अधिकारियों ने बताया कि आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (ACC) में प्रमुख नीतिगत पहलों और ऑपरेशनल मुद्दों पर विचार के बाद इस योजना को मंजूरी दी गई। सेना से जुड़े सूत्रों ने बाया कि सुधारवादी कदमों को ‘चरणबद्ध तरीके से और तेजी से’ लागू किया जाएगा। सप्ताह भर चलने वाले छमाही कॉन्फ्रेंस की शुरुआत 9 अक्टूबर को हुई, जिसकी अध्यक्षता खुद आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत कर रहे हैं। ऑपरेशनल और इंटरनल ऐडमिनिस्ट्रेटिव मुद्दों के अलावा कॉन्फ्रेंस में चीन पाकिस्तान बॉर्डर समेत सुरक्षा से जुड़ी तमाम चुनौतियों पर भी चर्चा की गई।
अधिकारियों ने बताया कि कमांडरों ने सुधारवादी कदमों को समयबद्ध तरीके से लागू करने का फैसला लिया है। तमाम कदमों का ‘360 डिग्री मूल्यांकन’ किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर संशोधन भी किया जाएगा। सेना मुख्यालय ने बल की कार्य क्षमता का विस्तार करने, बजट खर्च कम करने, आधुनिकीकरण और आकांक्षाओं पर ध्यान देने के समग्र उद्देश्य से चार अध्ययन किए थे। सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि कमांडरों की कॉन्फ्रेंस में यह तय किया गया कि अध्ययन में सुझाए गए कदमों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि पहला अध्ययन ‘री-ऑर्गनाइजेशन ऐंड राइट-साइजिंग ऑफ द इंडियन आर्मी’ ऑपरेशनल स्ट्रक्चर को दक्ष बनाने और भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किया गया। खासकर पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं को ध्यान में रखा गया। दूसरा अध्ययन सेना मुख्यालय के री-ऑर्गनाइजेशन से जुड़ा था। तीसरा अध्ययन अफसरों के काडर की समीक्षा पर केंद्रित था कि कैसे ऑफिसरों के काडर को आकांक्षाओं के अनुरूप बनाया जाए। चौथा अध्ययन रैंक के हिसाब से जिम्मेदारियों की समीक्षा के लिए था।