मुम्बई। ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ में लीला का किरदार निभाकर सबको इम्प्रेस करने वाली आहना कुमरा को जब फिल्म की स्क्रिप्ट मिली तो वह अपना रोल पढ़कर डर गई थीं। उन्हें लगा कि फिल्म में काफी बोल्ड सीन हैं। वह क्या ऐसे सींस कर पाएंगी? इसके बाद उन्होंने इसे चैलेंज के तौर पर लिया और अलंकृता श्रीवास्तव निर्देशित फिल्म उनके करियर की अहम फिल्म बन गई। अब आहना ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ में प्रियंका गांधी के किरदार में नजर आएंगी। लखनऊ से ताल्लुक रखने वाली आहाना इन दिनों शहर में शूटिंग कर रही हैं।
लखनऊ में जन्मी आहना की मां यूपी पुलिस विभाग में थीं। आहना की मां का ट्रांसफर जब मुंबई सीबीआई में हुआ तो वह बचपन में मुंबई जाकर बस गईं। आहना कहती हैं कि लखनऊ मेरी जन्मभूमि बन गई पर कर्म भूमि नहीं बन पाई। बहुत खुश हूं कि मुझे जन्मभूमि पर आकर काम करने का मौका मिला। मैंने इस प्रॉजेक्ट के लिए तुरंत हां कर दी थी क्योंकि मुझे अपने शहर में काम करने का मौका मिल रहा था। लखनऊ को मैं इसके जरिए जी रही हूं। स्कूल के दिनों से थिअटर करने के साथ ‘विसलिंग वुड’ से ऐक्टिंग सीखकर इंडस्ट्री में किस्मत आजमाने निकलीं आहना को पहला ब्रेक टीवी में मिला था। टीवी सीरीज ‘युद्ध’ में अमिताभ बच्चन की बेटी का किरदार निभा चुकीं आहना कहती हैं कि फिल्म इंडस्ट्री आउट साइडर्स के लिए टफ है। मैं बाहर से हूं लेकिन मेरे लिए कुछ चीजें आसान थीं। मेरे पास घर, मम्मी-पापा सब थे। मुझे टेंशन नहीं थी कि शाम को क्या खाना है। मैंने देखा है कि बाहर से आने वालों को कितना स्ट्रगल करना पड़ता है। हालांकि, मेरे सामने दूसरी तरह के स्ट्रगल थे। मुझे टीवी नहीं, प्रोग्रेसिव सिनेमा करना था। मैंने 10 साल थिअटर किया और पैसा नहीं कमाया। एक आउट साइडर लड़की के लिए फिल्मों में काम मिलना आसान नहीं होता है। वह भी मेरी जैसी लड़की, जो डिप्लोमेसी पर भरोसा नहीं करती है। इंडस्ट्री में सबको खुश रखना पड़ता है पर मैं बहुत मुंहफट हूं, जो गलत लगता है सामने बोल देती हूं। यह बात इंडस्ट्री में लोग पसंद नहीं करते। मेरा फंडा लल्लो-चप्पो की बजाए अपने काम से खुद को साबित करने का है। मेरा मानना है कि खुद को इतना अच्छा बनाओ कि सामने वाला तुम्हें काम देने पर मजबूर हो जाए।
आहना के करियर का टर्निंग पॉइंट ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ साबित हुई। आहाना कहती हैं, ‘जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी तो थोड़ा हिल गई। अपने को-ऐक्टर्स और डायरेक्टर की वजह से मैं लीला के किरदार को निभा पाई। हमारी टीम के अलावा सेट पर कोई फालतू बंदा नहीं होता था। अलंकृता ने बहुत सेफ फील करवाया था। मुझे लगता है कि सेक्स पर बात करने वाली फिल्म को जब कोई महिला डायरेक्ट करती है तो उसका नजरिया एक मर्द से एकदम अलग होता है। कोई दूसरी हिंदी फिल्म, जो ऐसे बोल्ड सब्जेक्ट पर हो उसे देखें तो सेक्स को मजेदार चीज बनाकर पेश किया जाता है। कई बार यह किसी औरत के लिए पेनफुल भी होता है। सेक्स जिंदगी का अहम हिस्सा है पर जिंदगी नहीं। हर औरत की सेक्स को लेकर सोच अलग होती है और अलंकृता ने उसे सहज तरीके से दर्शाया है। मैंने पैरंट्स को बता दिया था कि मैं ऐसा रोल कर रही हूं, जिसे देखने में आप असहज महसूस करेंगे। मेरे पैरंट्स बहुत प्रोग्रेसिव है। उन्होंने मुझे हमेशा एनकरेज ही किया।
मी टू के मुद्दे पर आहाना कहती हैं कि हर फील्ड की तरह हमारी इंडस्ट्री में भी लड़कियों का हैरसमेंट किया जाता है। मुझे उस वक्त हंसी आई, जब कुछ बड़े स्टार्स के इंटरव्यू देखे। उनका इंटरव्यू यहीं से शुरू हुआ कि अरे हम तो भौंचक्के रह गए कि ये सब हमारी इंडस्ट्री में भी होता है। मैंने बोला कि आप लोग कौन सी दुनिया में रहते हो। आपको भी इस बारे में पता है। अच्छी बात यह है कि आज इस मुद्दे पर लोग आगे आ रहे हैं। हम आज बात करेंगे तभी अगली जेनरेशन को न कहने की हिम्मत दे पाएंगे। औरतों के लिए यह अच्छा दौर चल रहा है। यही बात करने का वक्त है पर इस मुद्दे को गंध न बनाया जाए। यूएस में मी टू सफल रहा क्योंकि इसको बहुत गंभीरता से लिया गया था। आहना कहती हैं कि मुझे ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ का बेसब्री से इंतजार है। मैं कभी प्रियंका गांधी से मिली नहीं हूं लेकिन उन्हें बहुत अडमायर करती हूं। उनसे एक बार मिलने की इच्छा है। जहां तक सवाल शादी का है तो इसे मैं जिंदगी का अहम हिस्सा मानती हूं। मुझे कोई डर नहीं कि शादी करूंगी तो फिल्मों में काम नहीं मिलेगा। अब लड़कियों ने शादी को बहुत ही नॉर्मल बात बना दिया है। करीना और अनुष्का इसका उदाहरण हैं। पता नहीं हीरो शादी और बच्चे पैदा करने के बाद भी हीरो बनता है। उस पर तब भी लड़कियां मरती है। वहीं हिरोइन शादी कर ले तो वह भाभी बन जाती है। अब यह मिथ टूट रहे हैं। मुझे जैसे सही बंदा मिलेगा, मैं शादी कर लूंगी।