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सीबीआई में कार्रवाई पर सरकार ने दिया जवाब, कहा-एजेंसी की छवि के लिए ऐसा करना जरूरी

नई दिल्ली। सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों में जंग और उनपर कार्रवाई को लेकर सरकार ने बुधवार को जवाब दिया। केंद्र सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी की छवि को बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था। सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सीवीसी की सिफारिश के बाद केंद्र ने अधिकारियों को हटाने का फैसला किया है।  केंद्र ने कहा कि सीबीआई की ऐतिहासिक छवि रही है और उसकी ईमानदारी को बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था। सीवीसी की अनुशंसा पर एक एसआईटी पूरे मामले की जांच करेगी। केंद्र ने यह भी साफ किया अगर अधिकारी निर्दोष होंगे तो उनकी वापसी हो जाएगी। बता दें कि केंद्र ने सख्त ऐक्शन लेते हुए सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है।

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सरकार के फैसले पर उंगली उठाने के सवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि क्या दो अधिकारी जो जांच का सामना कर रहे हैं वो ही अपनी जांच करवाएं? विपक्ष के आरोप बिल्कुल गलत हैं। इससे ज्यादा अनफेयर कुछ नहीं हो सकता है। सरकार ने सेक्शन 42 की शक्ति का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश पारित किया है। सरकार का यह कदम विपक्ष, पीआईएल दाखिल करने वाले लोगों और आम जनता सभी के लिए है। उन्होंने कहा, ‘जांच का माखौल नहीं बनने दिया जा सकता है। अगर अधिकारी निर्दोष होंगे तो उनकी वापसी होगी।’ सीवीसी की अनुशंसा पर सरकार के तुरंत फैसले के सवाल पर जेटली ने कहा, ‘हमारी सरकार फास्ट ऐक्टिंग सरकार है। इसलिए हमने तुरंत अनुशंसा पर कदम उठाया।’  जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सीबीआई में एक बड़ी ही विचित्र और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। दो बड़े अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। अब इन आरोपों की जांच कौन करेगा? ये सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। सरकार इन मामलों की जांच कर भी नहीं सकती है। ऐसे में निष्पक्ष जांच के लिए सरकार ने सीवीसी की अनुशंसा पर इन अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया है क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता है कि जिनके ऊपर आरोप है वही या फिर उनके सुपरविजन में आरोपों की जांच हो।’

उन्होंने कहा कि सीबीआई ऐक्ट के सेक्शन 41 के तहत सीवीसी के पास जांच का अधिकार है। भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच सीवीसी कर सकती है। जांच कौन करेगा, किसे गवाह बनाना है ये सीआरपीसी के तहत जांच एजेंसी और अधिकारी का अधिकार होता है। जिन अधिकारियों में विवाद है उन्होंने भी अपनी शिकायत सीवीसी को भेजी थी। सीवीसी के पास वो सारा मटीरियल है जो अधिकारियों ने एक-दूसरे के खिलाफ दिए हैं।’  सीवीसी ने सेक्शन 8 और सेक्शन 41 के तहत सिफारिश की है कि इन आरोपों की जांच ये दोनों अधिकारी नहीं कर सकते हैं क्योंकि इन्हीं दोनों पर आरोप हैं। इसके अलावा इनके सुपरविजन में एजेंसी जांच भी नहीं कर सकती है। जबतक इसकी जांच होगी सीबीआई की निष्पक्षता के लिए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जाए। यह आदेश अंतरिम होगा। एसआईटी केस की जांच करेगी। उच्चतम निष्पक्षता के तहत यह कदम उठाया गया

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