पड़ोसी
नई दिल्ली। भारत ने रविवार को कहा कि वह श्री लंका की राजनीतिक गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए है। इसके साथ ही उसने उम्मीद जताई कि श्री लंका में लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक प्रक्रिया का सम्मान किया जाएगा। बता दें कि तेजी से बदलते राजनीतिक माहौल के बीच श्री लंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने शनिवार को देश की संसद को सस्पेंड कर दिया। इससे एक दिन पहले सिरीसेना ने रानिल विक्रमसिंघे को हटाकर उनकी जगह महिंद्रा राजपक्षे को प्रधानमंत्री बना दिया। इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘श्री लंका के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर भारत की नजर बनी हुई है। एक लोकतांत्रिक देश और करीबी पड़ोसी के तौर पर हम उससे लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक प्रक्रिया का सम्मान करने की उम्मीद करते हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत दोस्ताना व्यवहार वाले श्री लंका के लोगों को विकास कार्यों के लिए मदद देना जारी रखेगा।
गौरतलब है कि विक्रमसिंघे द्वारा अपने बहुमत को साबित करने के लिए संसद के इमर्जेंसी सेशन की मांग किए जाने के बाद शनिवार को सिरीसेना ने संसद को 16 नवंबर तक सस्पेंड कर दिया। इससे पहले शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। कई नीतियों को लेकर सिरीसेना और विक्रमसिंघे के बीच मतभेद के बाद श्री लंका में राजनीतिक घमासान ने तेजी ली है। विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री पद से खुद को हटाए जाने के बाद कहा था कि राजपक्षे का (प्रधानमंत्री के तौर पर) शपथ लेना अवैध और असंवैधानिक है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वह संसद में अपने बहुमत को साबित करेंगे।
