नई दिल्ली। रॉयल स्वेडिश अकैडमी ऑफ सायेंसेज ने अर्थशास्त्र के नोबेल की घोषणा कर दी है। विलियम डी नॉर्धौस और पॉल एम रोमर को 2018 के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। जलवायु परिवर्तन पर नई तरह की तकनीकों की खोज के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा। वे मैक्रोइकनॉमिक्स ऐनलिसिस के क्षेत्र से संबंध रखते हैं। उन्होंने प्रकृति और मार्केट इकनॉमी के बीच के संबंध को विस्तार देने वाले मॉडल बनाए। साथ ही जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान को रोकने के तरीकों पर खोज की। बता दें कि 1901 से लगातार विज्ञान, इकनॉमिक्स, साहित्य और शांति के क्षेत्र में ये पुरस्कार दिए जाते हैं। बता दें कि इस साल के शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा पहले ही हो चुकी है। इस पुरस्कार के लिए यजीदी महिला नादिया मुराद को चुना गया है। दिया को यह पुरस्कार यौन हिंसा के खिलाफ प्रभावी मुहिम चलाने और महिला अधिकारों के लिए उत्कृष्ट कार्य के बदले दिया गया है। वह कई साल तक आतंकियों के चंगुल में सेक्स स्लेव बनकर रही थीं और बाद में वहां से भागने में कामयाब रहीं। गौरतलब है कि 1896 में अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु के बाद नोबेल अवॉर्ड के बारे में लोगों को पता चला, जब उनकी वसीयत पढ़ी गई। नोबेल ने अपनी सारी जायदाद पुरस्कारों के लिए दे दी थी और कहा था कि दुनिया भर के लोग इन अवॉर्ड्स के हकदार होंगे। इसके बाद से अवॉर्ड की घोषणा हर साल की जाती है। इसके पहले चरण में लोगों से नामांकन मंगाए जाते हैं। जो नाम मिलते हैं उन पर एक्सपर्ट्स विचार करते हैं। उनकी खासियतों, उनके योगदान पर चर्चा होती है। नामित व्यक्ति के बारे में उस देश की सरकार, पूर्व नोबेल विजेताओं, विद्वानों से राय मांगी जाती है। यह पूरी प्रक्रिया करीब एक साल तक चलती है।
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