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मोहन भागवत के बयान पर पिनराई विजयन का पलटवार, ‘आरएसएस सबरीमाला के प्रति असहिष्णु’

तिरुवनंतपुरम। केरल में सबरीमाला मंदिर में विवाद ने अब राजनीतिक रुख अख्तियार कर लिया है। सबरीमाला विवाद पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर पलटवार करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि संघ परिवार मंदिर के प्रति हमेशा असहिष्णु रहा है। सीएम विजयन ने कहा, ‘सबरीमाला में एक विशिष्टता है जो बाकी मंदिर खो चुके हैं। यह सभी धर्मों और जाति के लोगों को प्रवेश की इजाजत देता है।’ उन्होंने आगे कहा कि संघ परिवार और आरएसएस हमेशा इस तथ्य के प्रति असहिष्णु रहा है। वह सबरीमाला के गुणों को मिटाने की कई कोशिश कर चुके हैं। सीएम विजयन ने आगे कहा, ‘सबरीमाला में आदिवासी मलयारन समुदाय की द्वारा निभाए जाने वाले रस्म रिवाजों को खत्म करने में उनकी (आरएसएस) भूमिका जनसाधारण में प्रचलित है। वर्तमान विरोध प्रदर्शन को इसी के मद्देनजर देखा जा रहा है।’

उन्होंने कहा कि आरएसएस हमलावरों को समर्थन दे रही है जिससे लोगों में दहशत फैल रही है। उन्होंने आगे कहा, ‘ये हमलावर जातिवादी और सामंती विचारधारा से प्रेरित हैं। इस तरह के आंदोलनों को प्रोत्साहित करने से आखिरकार सबरीमाला जैसे स्थानों से पिछड़े वर्गों के निर्वासन होने लगेगा। सभी भक्तों को सबरीमाला पर इस हमले की निंदा करना चाहिए।’ बता दें कि 93वें विजयदशमी उत्सव में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सबरीमाला में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत पर राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि सबरीमाला देवस्थान के संबंध में सैकड़ों वर्षों की परम्परा के स्वरूप व कारणों के मूल का विचार नहीं किया गया। धार्मिक परम्पराओं के प्रमुखों का पक्ष, करोड़ों भक्तों की श्रद्धा और महिलाओं का बड़ा वर्ग इन नियमों को मानता है लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।

उधर ऑल केरल बाह्मण असोसियेशन ने सुप्रीम कोर्ट में उस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका डाली है जिसमें 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी गई थी। याचिका में कहा गया कि फैसले में कई गंभीर गलतियां हैं जिससे भगवान अयप्पा के सच्चे भक्तों में न्याय की मांग गहरी हुई है। पथानामथिट्टा के जिला कलेक्टर पीबी नूह ने बताया, ‘स्थिति शांतिपूर्ण है। अब यहां कोई समस्या नहीं है। हमने पंपा और सन्निधनम में पर्याप्त मात्रा में पुलिसबल लगाया है। धारा 144 यहां दो दिन तक लागू रहेगी और आगे का फैसला स्थिति को देखते हुए लिया जाएगा।’ सबरीमाला संरक्षण समिति ने 12 घंटे का राज्यव्यापी बंद बुलाया है जिसे बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य संगठन भी समर्थन दे रहे हैं। गुरुवार को केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने बसों का संचालन रोक दिया गया है। दरअसल बुधवार को निलक्कल के पास लाका में प्रदर्शनकारियों ने एक केएसआरटीसी की बस में तोड़-फोड़ की थी। वहीं गुरुवार को मंदिर में प्रवेश की कोशिश कर रही महिला पत्रकार सुहासिनी राज को भीड़ ने आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके बाद उन्हें वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा।

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