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बेंगलुरु में खुला देश का पहला बिटकॉइन एटीएम सीज, संचालक गिरफ्तार

बेंगलुरु। बेंगलुरु में पिछले दिनों देश के पहले बिटकॉइन एटीएम के खुलने को लेकर खासी चर्चा हुई थी। अब इस मामले में पुलिस ने एटीएम संचालक को गिरफ्तार कर लिया है और एटीएम मशीन को सीज कर दिया है। पुलिस ने इसे अवैध बताते हुए कहा है कि बिना किसी इजाजत इस एटीएम किऑस्क की स्थापना की गई है। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 7 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।  जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु के पुराने एयरपोर्ट रोड स्थित एक मॉल में हरिश बीवी नामक शख्स इस एटीएम किऑस्क का संचालन कर रहा था। हरिश यूनोकॉइन टेक्नॉलजीज के को-फाउंडर भी है। क्राइम ब्रांच ने यहां से 1.8 लाख नकदी, एक टेलर मशीन, दो लैपटॉप, एक मोबाइल, तीन क्रेडिट कार्ड, 5 डेबिट कार्ड, एक पासपोर्ट समेत कई सामान जब्त किए हैं। पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि वे बिटकॉइन के चक्कर में इनके झांसे में न आएं।

बता दें कि फरवरी में वित्त मंत्रालय के बैन के बाद देश में बिटकॉइन का भविष्य लगभग खत्म हो गया है। वित्त मंत्रालय ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को बिटकॉइन नेटवर्क से दूरी बनाए रखने का आदेश दिया था। हालांकि अगर किसी का विदेश में कोई अकाउंट हो या वहां कोई ऐसा रिलेटिव हो जो उनके स्थान पर ट्रांजैक्शन कर सकता हो, तो वे अब भी बिटकॉइन करंसी का इस्तेमाल कर सकते हैं।  उधर, माना जा रहा है कि अपने यूजर्स की इस समस्या का हल निकालने के लिए ही क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज यूनोकॉइन ने इसका रास्ता खोजा था एटीएम किऑस्क की बेंगलुरु में स्थापना की थी। पर, अब पुलिस ने इसे अवैध बताते हुए संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि कंपनी के फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने अपनी कंपनी के बिजनस मॉडल का बचाव किया है।  उन्होंने कहा कि भारतीय कस्टमर्स द्वारा इसके जरिए खरीद और बिक्री पूरी तरह से वैध है। विश्वनाथ ने कहा कि फरवरी में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने क्रिप्टोकरंसी भारत में लीगल टेंडर नहीं है। उन्होंने इसे अवैध टेंडर नहीं कहा। इसमें बड़ा अंतर है। इसका मतलब यह है कि आप अपने निवेश का जोखिम खुद वहन करेंगे और इस इंडस्ट्री के लिए कोई रेग्युलेशन नहीं है।’

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