वाशिंगटन,29 जुलाई। नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने अपनी खोज में बृहस्पति के चंद्रमा गेनीमेड पर पानी से बनी भाप के सबूत मिलने की जानकारी दी है।
नेचर एस्ट्रोनॉमी जनरल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, पानी की भाप गैस के रूप में थी, लेकिन चंद्रमा की सतह से टकराकर बर्फ में तब्दील हो गई। गौरतलब है कि नासा ने अपने पिछले शोध में गेनीमेड को सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा चंद्रमा बताया था, जिस पर पृथ्वी के सभी समुद्र से ज्यादा पानी होने की संभावना जताई गई थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, यहां तापमान काफी कम है, जिसके चलते पानी की ऊपरी सतह पर बर्फ जमी रहती है।
नासा के शोध में बताया गया कि गेनीमेड के समुद्र सतह से करीब 160 किमी नीचे हैं, जिससे समुद्र के पानी के वाष्पीकरण होने का अनुमान काफी कम है। गौरतलब है कि हबल ने करीब दो दशक तक गेनीमेड पर नजर रखी और पानी के भाप बनने की प्रक्रिया के सबूत जुटाए। साल 1998 में हबल की स्पेस टेलीस्कोप इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ ने गेनीमेड की पहली अल्टावॉयलेट तस्वीर खींची थी, जिसमें गेनीमेड का चुंबकीय क्षेत्र कमजोर होने की जानकारी मिली थी। इन अल्ट्रावॉयलेट तस्वीरों से आणविक ऑक्सीजन की मौजूदगी की जानकारी मिली थी।
98 Views