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बीएसएफ जवान का गला काटने के बाद बातचीत चाहता है पाकिस्तान, कांग्रेस ने कहा-जवाब दे सरकार

नई दिल्ली। पाकिस्तान का दोमुंहापन और उसका नापाक चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है। पाकिस्तानी सेना अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रही और पाक के पीएम इमरान खान भारत के साथ बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़ाना चाहते हैं। रामगढ़ सेक्टर में बीएसएफ जवान की बर्बरता पूर्वक हत्या करने के बाद पाकिस्तानी सेना ने साफ कर दिया है कि वह भारत विरोधी अपनी पुरानी नीतियों पर ही चलेगी। दोनों देशों के बीच शांति उसे मंजूर नहीं है। जबकि इमरान खान कश्मीर सहित सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण हल के लिए बातचीत शुरू करना चाहते हैं और उन्हें भारत से जवाब का इंतजार है। पाकिस्तान के पीएम ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की वकालत की है। उन्होंने अपने पत्र में दोनों देशों के बीच उस व्यापक द्विपक्षीय वार्ता प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की अपील की है, जो दिसंबर 2015 में शुरू की गई थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने कहा कि पीएम इमरान खान ने सकारात्मक लहजे में पीएम मोदी को पत्र लिखा है। पाक पीएम ने सभी मुद्दों के हल के लिए बातचीत शुरू करने की पेशकश की है। पाकिस्तान जवाब की प्रतीक्षा में है।
बीएसएफ जवान की हत्या के बाद कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और सरकार से इस बर्बर कृत्य का जवाब देने को कहा है। कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जब विपक्ष थी तो वह पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए लंबी-लंबी बातें करती थी। आज वह सरकार में है, उसे कार्रवाई करने से कोई नहीं रोक रहा। देश बीएसएफ जवान की हत्या का जवाब चाहता है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को शहीद बीएसएफ जवान नरेंद्र सिंह के घर गए और पीड़ित परिजनों से मिले। सुरजेवाला ने पूछा कि 56 इंच का सीना रखने और लाल आंख की बात करने वाले आज कहां हैं? पहले हेमराज और अब नरेंद्र सिंह। पाकिस्तान ने इन दोनों की बर्बरता पूर्वक हत्या की। सरकार क्या कर रही है? क्या मोदी जी को उनकी अंतरात्मा झकझोरती नहीं है?’ भारत सरकार ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत दोनों एक साथ नहीं हो सकती। भारत ने पड़ोसी देश के साथ हमेशा ही बेहतर संबंध रखने की कोशिश की है। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ और सुरक्षित पनाहगाह है। कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए पाकिस्तानी सेना वहां आतंकवादियों की घुसपैठ कराती है। पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों को पैसे और उन्हें भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने का प्रशिक्षण देती है। पाकिस्तान और उसकी सेना जब तक भारत विरोधी गतिविधियां नहीं छोड़ती तब तक बातचीत शुरू करने का कोई औचित्य नहीं है। दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की पहल करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान गए लेकिन उसके कुछ समय बाद ही पठानकोट एयरबेस पर हमला हो गया। भारत जब-जब भी दोस्ती का हाथ बढ़ाता है पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपनी साजिश से इन पहलों पर पानी फेर देती हैं। पाकिस्तान की सरकार बातचीत के लिए यदि वाकई में गंभीर है तो उसे अपनी नापाक हरकतों को बंद करना होगा।

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