नई दिल्ली। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने दुर्गा पूजा के मौके पर ढाका के मंदिर को करीब डेढ़ बीघा जमीन गिफ्ट की है। हसीना का यह कदम इस्लाम धर्म वाले मुल्क बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की हिमायती वाली अपनी छवि को मजबूत करने की दिशा में किया जा रहा प्रयास समझा जा रहा है। शेख हसीना ने सोमवार को बांग्लादेश के सबसे बड़े मंदिर ढाकेश्वरी का दौरा किया। इसी दौरान उन्होंने मंदिर को करीब 50 करोड़ टका (43 करोड़ रुपये) की कीमत की जमीन देने की घोषणा की। हसीना के इस कदम से 60 साल पुरानी मांग पूरी हुई है। इससे ढाका की पुरानी परंपरा को भी सामने लाने का मौका मिलेगा, ढाका का नाम भी ढाकेश्वरी देवी के नाम पर है।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। सत्ताधारी आवामी लीग की स्थापना के समय से ही हिंदुओं का समर्थन इस पार्टी को है। बांग्लादेश में संसदीय चुनाव दिसंबर में होने हैं। पिछले कुछ समय से मंदिर की काफी जमीन पर कब्जा हो चुका है, लेकिन हाल ही में हसीना के निर्देश में, सरकार ने एक अग्रीमेंट की मध्यस्थता की और जमीन को मंदिर को सौंपने का फैसला लिया। बांग्लादेश सरकार ने हमारे सहयोगी ईटी से बातचीत में बताया, ‘इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि आवामी लीग के कार्यकाल में बांग्लादेश ने लगातार आर्थिक विकास देखा है और स्थायित्व का अनुभव किया है। पिछले एक शताब्दी से बांग्लादेश में इसकी कमी महसूस की जा रही थी।’
उन्होंने कहा, ‘इस तरक्की और स्थायित्व का ही परिणाम हैं कि सुरक्षा व्सवस्था बेहतर हुई है, इसका असर यह हुआ कि न सिर्फ अल्पसंख्यक सुरक्षित महसूस करते हैं, बल्कि सभी बांग्लादेशी सुरक्षित महसूस करते हैं।’ हसीना सरकार का स्लोगन है ‘धोर्मो जारजार, उत्सोब शोबार’ (धर्म किसी का भी व्यक्तिगत अधिकार है, लेकिन त्योहार का संबंध सबसे होता है) का पालन जमीनी स्तर पर हो रहा है। इसका उदाहरण इस बात से मिलता है कि साल 2017 में बांग्लादेश में 30 हजार से ज्यादा शांतिपूर्वक दुर्गा पूजा उत्सव हुए। इस साल यह संख्या 31,272 तक पहुंची है। अधिकारी ने कहा, ‘यदि ऐसा लगातार जारी रहा तो यह विश्व में एक उदाहरण होगा, जब कोई इस्लामिक देश पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और लोकतांत्रिक है, जो पाकिस्तान के बिल्कुल विपरीत होगा।’