नई दिल्ली। इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल के एक पैनल ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा बीसीसीआई से मांगे मुआवजे के मामले पर सोमवार को सुनवाई शुरू कर दी। पीसीबी ने एमओयू के कथित उल्लंघन के चलते बीसीसीआई से करीब 447 करोड़ रुपये की मांग की है। हालांकि भारत की तरफ से पाक की मांग को नाजायज ठहराते हुए पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और राजीव शुक्ला ने क्रिकेट बोर्ड को कोई पैसा न देने की सलाह दी। दरअसल, पीसीबी ने आरोप लगाया है कि भारत ने दो बार उसके साथ द्विपक्षीय सीरीज खेलने से इनकार किया जिससे उसका नुकसान हुआ। इस मामले को लेकर पाक आईसीसी गया। पाकिस्तान ने बीसीसीआई से करीब 447 करोड़ रुपये मांगे हैं।
इस पर आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा, ‘जहां तक बीसीसीआई बनाम पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की बात है, मेरा मत है कि दोनों बोर्ड्स आईसीसी में जाने की जगह इसे खुद सुलझा लें। बीसीसीआई हमेशा से पाकिस्तान के साथ खेलना चाहता है, लेकिन कुछ बाते हैं, जिसकी वजह से हमें पहले सरकार से इजाजत लेनी होती है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जब भी अंतरराष्ट्रीय मैच होते हैं जिन्हें आईसीसी या एशियन क्रिकेट काउंसिल करवाता है, हम पाकिस्तान के साथ खेलते ही हैं। पाकिस्तान को पैसे देने का कोई मतलब नहीं बनता।’
वहीं इस मुद्दे पर बात करते हुए बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘बहुत सालों से कोई भी देश क्रिकेट खेलने पाकिस्तान नहीं जाता। मेरा मानना है कि भारत की तरफ से किसी अधिकारी को आईसीसी की सुनवाई का हिस्सा नहीं बनना चाहिए और ना ही पाकिस्तान बोर्ड को पैसा देने की जरूरत है।’ पाकिस्तान ने आईसीसी के सामने दावा किया है कि भारत ने उसके साथ क्रिकेट खेलने का समझौता करके मैच नहीं खेले जिससे उसे नुकसान हुआ। पाकिस्तान के मुताबिक, भारत द्वारा साइन किए गए एमओयू में 2015 से लेकर 2023 तक कुल 6 द्विपक्षीय सीरीज खेली जानी थीं, जो आयोजित नहीं हुईं। दूसरी तरफ बीसीसीआई ने सफाई दी है कि उनपर किसी तरह की बंदिश नहीं थी क्योंकि एमओयू में लिखी कुछ शर्तों को पाकिस्तान ने भी पूरा नहीं किया।