तिरुवनंतपुरम। पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) हीरा कारोबारी नीरव मोदी द्वारा किए गए 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले से धीरे-धीरे बाहर निकल रहा है। साथ ही इस वित्त वर्ष के आनेवाले आंकड़ों में साफ दिखेगा कि अब बैंक मुनाफे की तरफ अग्रसर है। यह बात पीएनबी के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील मेहता ने कही है। मेहता मानते हैं कि पीएनबी घोटाला अब पुरानी बात हो चुकी है और ताजा वित्त वर्ष के आनेवाले आंकड़े उसके लिए फायदेमंद होंगे। मेहता ने यह ताजा बयान एक कार्यक्रम के दौरान इंटरव्यू में दिया है। वह वहां बाढ़ पीड़ित केरल की मदद के लिए सहायता राशि डोनेट करने पहुंचे थे। मेहता ने बैंक की तरफ से केरल सीएम पिनराई विजयन को 5 करोड़ रुपये दिए। उन्होंने बताया कि वह पैसा पीएनबी के कर्मचारियों और रिटायर कर्मियों ने एकत्र किया था, जिससे केरल को फिर से खड़ा करने में मदद मिल सके।
मेहता बताते हैं कि बैंक द्वारा 2018-19 में विभिन्न कदम उठाए गए हैं, जिससे जनवरी में सामने आए घोटाले से बाहर आया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘पीएनबी बैंक ने दिखा दिया कि वह बड़े से बड़े नुकसान से बाहर आ सकता है, आशा है कि इसी वित्त वर्ष मुनाफा दिखेगा।’ बता दें कि 2018-19 के जून क्वॉर्टर में बैंक को 940 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। वहीं 2017-18 में यह घाटा सिर्फ 342.40 करोड़ रुपये था। अब मेहता ने बताया कि 30 अक्टूबर को पीएनबी की एक्स्ट्रा जनरल मीटिंग होनी है। इसमें अनुमति मिलने के बाद बैंक में फंड इंफ्यूजन किया जाएगा। अपनी स्थिति को बेहतर करने के लिए बैंक बोर्ड सरकार से 5,341 करोड़ का कैपिटल सपॉर्ट चाहता है। बैंक यह पैसा कैपिटल अधिमान्य शेयर्स के निर्गमन से चाहता है। इस कैपिटल का इस्तेमाल फंड इंफ्यूजन करके बैंक की ग्रोथ के लिए किया जाएगा। इससे पहले पिछले साल 2,816 करोड़ रुपये का फंड इन्फ्यूजन हुआ था। तब ऐसा रेग्युलेटरी रेशियो के पैमाने को छूने के लिए हुआ था।