पेइचिंग। चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में दुनिया की सबसे बड़ी बुद्ध प्रतिमा चार महीने की जांच-परख से गुजरेगी। प्रतिमा की मरम्मत के लिए चल रही कवायद के तहत मौके पर जाकर यह जांच-परख की जाएगी। लेशान शहर के बाहरी हिस्से में बनाई गई 71 मीटर ऊंची प्रतिमा के सीने और पेट वाले हिस्से में दरार आ गई है और कहीं-कहीं यह टूट भी गई है। लेशान बुद्ध क्षेत्र की प्रबंधन समिति ने यह जानकारी दी। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि आठ अक्टूबर से शुरू होने जा रही जांच-परख की प्रक्रिया के दौरान बुद्ध की प्रतिमाका प्रमुख हिस्सा आंशिक तौर पर या पूरी तरह ढक दिया जाएगा। सांस्कृतिक स्मृति-चिह्नों के दर्जनों विशेषज्ञों की निगरानी में प्रतिमा की जांच की जाएगी। इसमें 3डी लेजर स्कैनिंग, इंफ्रारेड थर्मल इमेजिंग जैसी तकनीक का इस्तेमाल होगा और ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण भी किया जाएगा। बुद्ध की इस प्रतिमा के निर्माण में 90 साल से ज्यादा का वक्त लगा था। इसे बनाने की शुरुआत तांग वंश (618-907) के शासन के दौरान वर्ष 713 में हुई थी। यूनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित की जा चुकी इस प्रतिमा की कई बार जांच और मरम्मत हो चुकी है।
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