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दिल्ली में सरकार ने लांच की म्यूजिक बस

नई दिल्ली,19 सितंबर। दिल्ली की राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के आर्टिस्टिक पैशन को बढ़ावा देने के लिए म्यूजिक बस लॉन्च की है, जिसके तहत बच्चों को संगीत सीखने किसी सेंटर में नहीं जाना होगा बल्कि बस में ही उन्हें सारी सुविधाएं मुहैय्या कराई जाएंगी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को भारत के पहले मोबाइल म्यूजिक क्लासरूम और रिकॉर्डिंग स्टूडियो के रूप में एक अनूठे प्रोजेक्ट ‘मोबाइल म्यूजिक बस’ की शुरुआत करते हुए कहा कि बच्चों को म्यूजिक सीखने के लिए अब बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि म्यूजिक खुद उनके पास पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि म्यूजिक बस समाज में बच्चों तक जाकर उनके आर्टिस्टिक पैशन को खोजेगा व उसकी बुनियाद रखेगा, उसके बाद उन बच्चों के पैशन को आगे बढ़ाने का काम स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में किया जाएगा ताकि बच्चे अपने पैशन से सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि हर परिवार यह चाहता है कि उनके बच्चे में कोई कला हो, लेकिन जब बच्चा उस कला को अपना पैशन बनाना चाहता है तो उसे नसीहत मिलती है कि पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दो। बच्चों के इसी पैशन को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार ने स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्स्सलेंस की शुरुआत की है ताकि छोटी उम्र से ही वे अपने पैशन पर ध्यान दे सकें। स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स डोमेन यह सुनिश्चित करेगा और संदेश देगा कि आर्टिस्टों की आर्ट ही उनकी पढ़ाई है। अब तक केवल साइंस को ही स्पेशलाइज्ड एजुकेशन का विषय माना जाता था, लेकिन स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एजुकेशन इस धारणा को बदलेगा जहां बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों में स्पेशलाइज्ड शिक्षा दी जाएगी।उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत एक बस को चलते-फिरते म्यूजिक क्लास, एक उच्च गुणवत्ता वाला म्यूजिक रिकॉर्डिंग स्टूडियो और परफॉर्मिंग स्टेज में तब्दील किया गया है। यह मोबाइल म्यूजिक बस दिल्ली में सरकारी स्कूलों के साथ-साथ लो-इनकम ग्रुप के 5000 बच्चों तक पहुंचेगी और इन बच्चों को प्रशिक्षित फैसिलिटेटर नियमित रूप वर्कशॉप व अन्य एक्टिविटीज का आयोजन करेंगे जिससे बच्चों को म्यूजिक के जरिए सीखने में मदद मिलेगी। म्यूजिक बस स्टूडियो एक स्मार्ट टीवी से भी लैस है, जिसका उपयोग सोशल-इमोशनल हेल्थ एंड वेल-बींईग से संबंधित मुद्दों पर डिजिटल एजुकेशनल म्यूजिक वीडियो साझा करने के लिए किया जाएगा। स्टूडियो बिजली के बिना भी कम से कम आठ घंटे तक बिना रुके चलने के लिए पर्याप्त पावर बैकअप से लैस है। इसका उद्देश्य बच्चों को म्यूजिक के माध्यम से अपनी क्षमता को पहचानने में मदद करना है।

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