वाशिंगटन,29 सितंबर। अमेरिका के रिपब्लिकन सीनेटरों ने अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में एक बिल पेश किया है। इस बिल में अफगानिस्तान में तालिबान की जीत में पाकिस्तान की भूमिका की जांच कराए जाने की मांग की गई है। इसके लिए उन्होंने इसमें उन्होंने अमेरिकी सरकार से उन लोगों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है, जिन्होंने अफगानिस्तान की अशरफ गनी के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने में मदद की थी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, बिल में वर्ष 2001 से लेकर 2020 के दौरान तालिबान के समर्थन को लेकर पाकिस्तान समेत सरकार समर्थित और अन्य तत्वों के मूल्यांकन की मांग की गई है। इनकी तालिबान को सुरक्षित पनाहगाह, धन, खुफिया समर्थन, प्रशिक्षण, सैन्य साजो-सामान, रसद और रणनीतिक दिशा-निर्देश मुहैया कराने के नजरिये से जांच होनी चाहिए। अमेरिका की विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के 22 सीनेटरों की ओर से पेश किए गए बिल में एक ऐसे टास्क फोर्स बनाने की भी मांग की गई है, जो अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों और विशेष वीजा धारकों की निकासी पर ध्यान दे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान काउंटर टेररिज्म, ओवरसाइट, एंड एकाउंटेबिलिटी एक्ट’ एक टास्क फोर्स की स्थापना करना चाहता है, जो अमेरिकी नागरिकों, कानूनी स्थायी निवासियों और अफगानिस्तान से विशेष अप्रवासी वीजा धारकों की निरंतर निकासी पर केंद्रित होगा।
अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटरों द्वारा पेश किया गया बिल अफगान वापसी से संबंधित मुद्दों से निपटने को लेकर है। इसमें आतंकवाद विरोधी रणनीति और देश में कथित मानवाधिकारों के हनन और तालिबान को मंजूरी देना शामिल है। इसके बाद, राज्य सचिव, रक्षा सचिव और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के परामर्श से, उपयुक्त कांग्रेस समितियों को तालिबान को सहायता प्रदान करने वाली संस्थाओं पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
