हलफनामे में कहा गया है, ‘तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया गया कि 139 फुट तक धीरे-धीरे पानी छोड़ा जाये लेकिन बार-बार अनुरोध के बावजूद तमिलनाडु सरकार से इस बारे में कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला। अचानक ही मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़े जाने ने हमे इडुक्की जलाशय से अधिक पानी छोड़ने के लिये बाध्य किया जो इस बाढ़ का एक प्रमुख कारण है।’ केरल के इडुक्की जिले में थेकडी के निकट पश्चिम घाट पर पेरियार नदी पर मुल्लापेरियार बांध स्थित है। राज्य सरकार ने कहा है कि ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति रोकने के लिये निगरानी समिति की कमान केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष को सौंपी जाये और दोनों राज्यों के सचिवों को इसका सदस्य बनाया जाए। इस समिति को बाढ़ अथवा ऐसे ही किसी संकट के समय बहुमत से निर्णय लेने का अधिकार प्रदान किया जाना चाहिए। केरल सरकार ने मुल्लापेरियार बांध के रोजाना के संचालन के प्रबंधन के लिये भी एक प्रबंध समिति गठित करने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के 18 अगस्त के निर्देशानुसार इस मामले में यह हलफनामा दाखिल किया है।
