इस्लामाबाद। आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद नवाज शरीफ और उनकी बेटी-दामाद को राहत मिली है। कोर्ट ने बुधवार को पूर्व पाक पीएम और उनकी बेटी की सजा स्थगति कर दी। इस वक्त पाकिस्तानी सियासी गलियारे में यह सवाल है कि शरीफ की जेल से तो रिहाई हो गई, लेकिन क्या राजनीति में वापसी के लिए कोई उम्मीद उनके पास बची है। फिलहाल शरीफ कुनबे की सजा पर सिर्फ स्थगन हुआ है, बरी होने के लिए अभी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें एवनफील्ड पर मालिकाना हक को लेकर कोई सबूत पेश नहीं कर पाने के कारण बेल दी है। भ्रष्टाचार के केस में शरीफ को 10 साल की सजा सुनाई गई गई थी और जुलाई में जब बेटी मरियम शरीफ और दामाद के साथ नवाज वतन लौटे तो उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया। इस वक्त भी उनके ऊपर 10 साल तक चुनाव लड़ने को लेकर बैन लगा हुआ है। माना जा रहा है कि बेल पर रिहा हुए शरीफ अब इस फैसले को भी चुनौती देंगे और फिर से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने की कोशिश करेंगे। हालांकि, कानूनी झमेलों के साथ पार्टी और संगठन को लेकर भी उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। नवाज शरीफ 3 बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 1990 से 1993 तक, दूसरी बार 1997 से 1999 तक और तीसरी बार 2013 से 2017 तक। तीन बार प्रधानमंत्री बनने वाले शरीफ एक बार भी अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। नवाज के पहले कार्यकाल में पाकिस्तान की आर्मी ने उस वक्त के राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान को आगे कर सत्ता से बेदखल किया। दूसरी बार उनके विश्वासपात्र जनरल परवेज मुशर्रफ से ही उन्हें चुनौती मिली और सत्ता से बेदखल हुए। तीसरी बार आय से अधिक संपत्ति और अपनी प्रॉपर्टी को लेकर बोले कथित झूठ के कारण कोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया। हालांकि, इस वक्त जेल से रिहा हुए नवाज शरीफ और उनका परिवार जरूर राहत की सांस ले रहा होगा। जेल से निकलने के बाद उन्होंने कहा कि वह ईश्वर के शुक्रगुजार हैं और भविष्य में अपनी बेगुनाही साबित कर देंगे।
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