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जेल यूनिवर्सिटी की तरह था, मुझे बेहतर इंसान बनाया: सुहैब इलियासी

नई दिल्ली पत्नी अंजु की हत्या के आरोपी बनाए गए फेमस टीवी एंकर सुहैब इलियासीका खुद को निर्दोष साबित करने के लिए चला 18 साल लंबा संघर्ष खत्म हो चुका है। लेकिन वह कहते हैं कि उनके मन में कानून या ससुराल पक्ष के खिलाफ कड़वाहट नहीं आई। हां, उन्होंने अपना कीमती समय खोया, दूसरों ने उनके शो के फॉर्मेट को कॉपी किया और उनकी बेटी आलिया को सबसे अधिक तकलीफों का समाना करना पड़ा। सुहैब यह भी कहते हैं कि खुद को निर्दोष साबित करने के लिए ट्रायल और जेल में बीता समय उनके लिए सीखने का एक अवसर भी था। जेल के अनुभव के बारे में सुहैब इलियासी कहते हैं, ‘यह मेरे लिए एक यूनिवर्सिटी की तरह था, जिसने मुझे बेहतर इंसान बनना सिखाया। मैं ऐसे लोगों से मिला जिन्होंने जघन्य अपराध किए थे, लेकिन उन सबके व्यक्तित्व का एक दूसरा पहलू भी था।’ वह इसे उनका मानवीय पहलू बताते हैं और इससे उन्हें अपने नए शो का फॉर्मेट तय करने की भी प्रेरणा मिली है।

क्या उनका समाना कभी उन 135 अपराधियों में से किसी के साथ हुआ, जो ‘इंडियाज मोस्ट वॉन्टेड’ की वजह से गिरफ्तार हुए थे? इसके जवाब में सुहैल ने कहा, ‘जेल में कई ऐसे कैदी थे, जिन्होंने मेरे शो को देखा था या जिनके साथी शो की वजह से पकड़े गए थे, लेकिन वे सभी यह मानते थे कि मैं केवल अपना काम कर रहा था।’ परिवार को लेकर सुहैब ने कहा कि अंजु की मां और बहन ने उनके खिलाफ केस लड़ा। उनके ससुर उनपर विश्वास करते थे। उन्होंने आगे बताया, ‘1950 में उन्होंने एक बंदूक खरीदी थी और दो साल पहले जब वह कनाडा जाने लगे तो डीसीपी ऑफिस जाकर इसे मेरे नाम कर दिया। कोई ऐसा बहुमूल्य चीज किसी ऐसे व्यक्ति को क्यों देगा जिसने उसकी बेटी की हत्या की हो? सुहैब सबसे अधिक बेटी आलिया के प्रति आबार जताते हैं। वह कहते हैं, ‘जो दुख उसने झेला वह मुझसे ज्यादा था। मैं एक व्यस्क था जबकि वह बच्ची थी। मैं खुश हूं कि वह बहुत जिम्मेदार, इंडिपेंडेंट और कॉन्फिडेंट है। वह अपनी मां की तरह है।’

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