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जामिया हफ्सा मदरसे में फिर लहराते नजर आए तालिबान के झंडे

इस्लामाबाद,20 सितंबर। तालिबान को समर्थन देकर दुनिया में अलगथलग पड़ चुके पाकिस्तान की घर में भी मुसीबत बढ़ गई है। इस्लामाबाद के जामिया हफ्सा मदरसे में रविवार को एक बार फिर तालिबान के झंडे लहराते नजर आए। बदनामी के डर से घबराई इमरान खान सरकार ने जब इन झंडों को हटवाने के लिए वहां पुलिस भेजी तो उसे खाली हाथ लौटना पड़ा। यहां के संचालक मौलाना अब्दुल अजीज ने पुलिस को धमकी दे दी। उसने पुलिस से कहा- तुम वहां क्यों नहीं जाते जहां गलत काम होते हैं, यहां बच्चों को डराने आ गए। तुमसे तो पाकिस्तान तालिबान ही निपटेंगे। 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के साथ ही तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर हुकूमत कायम कर ली थी। इसके बाद पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद समेत देश के कई हिस्सों में तालिबान के झंडे फहराए गए और रैलियां निकाली गईं। दुनियाभर में मीडिया ने इन घटनाओं को कवर किया था। रविवार को इस्लामाबाद के मध्य में मौजूद जामिया हफ्सा की छत पर एक बार फिर तालिबान के झंडे लहराते नजर आए। गृह मंत्रालय ने फौरन पुलिस को वहां भेजा और झंडे उतवाने को कहा। पुलिस जब वहां पहुंची तो यहां का संचालक मौलाना अजीज पुलिस से ही भिड़ गया और उन्हें खुली धमकी दी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उसने पुलिस से कहा- गलत कामों को रोकते नहीं हो। यहां बच्चियों पर जुल्म ढाने आ गए। ये नौकरी छोड़ो। ऊपर वाला दूसरी अच्छी नौकरी देगा। अब तो तुम्हे पाकिस्तान तालिबान ही सबक सिखाएंगे। जामिया हफ्सा की छत पर सैकड़ों छात्राओं ने तालिबान के झंडे फहराए। इस मदरसे में सैकड़ों लड़कियां भी पढ़ती हैं। घटना के वक्त ये भी जामिया हफ्सा में मौजूद थीं। यहां कुछ महीने पहले महिलाओं ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के पुतले का सिर भी काटा था।
रविवार की घटना के बाद मौलाना अब्दुल अजीज और उसके कुछ साथियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। ख़बरों के मुताबिक, अजीज के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन पुलिस को इसमें हिंसा की आशंका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस रविवार को जामिया हफ्सा से तालिबान के झंडे उतरवाने में नाकाम रही। उसके अफसर इस मदरसे के अंदर तक नहीं जा सके। पुलिस के पहुंचने के कुछ देर बाद ही मौलान अब्दुल अजीज अपने दफ्तर के बाहर एके-47 लेकर बैठ गया। इस दौरान छात्राएं मदरसे की छत पर जुट गईं और तालिबान के झंडे लहराती रहीं। इन लोगों ने पुलिस के लोगों से बदसलूकी की और तंज कसे। अजीज ने पुलिस से कहा- अगर यहां कोई भी कार्रवाई की गई तो अंजाम बहुत बुरा होगा। इसके बाद पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। हालांकि, इस्लामाबाद पुलिस के डिप्टी कमिश्नर ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि झंडे उतरवा लिए गए हैं, लेकिन कई मीडिया हाउस ने इसके फोटोग्राफ जारी करके उनके दावे को खोखला करार दिया।

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