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जब भी मौका मिलेगा, कप्तानी के लिए तैयार हूं: रोहित शर्मा

दुबई. रोहित शर्मा का कार्यवाहक कप्तान के तौर पर रेकॉर्ड शानदार रहा है और उन्होंने स्पष्ट किया कि जब भी मौका मिलेगा वह ‘फुल टाइम’ कप्तानी के लिए तैयार रहेंगे. रोहित के नेतृत्व में भारत ने कई देशों वाले दो टूर्नमेंट (श्री लंका में टी20 त्रिकोणीय टूर्नमेंट और अब एशिया कप 50 ओवर के टूर्नमेंट) में जीत हासिल की. तीन बार की आईपीएल विजेता टीम मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित से जब पूछा गया कि क्या वह भविष्य में लंबे समय की कप्तानी के लिए तैयार हैं तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘निश्चित रूप से, हमने हाल में जीत दर्ज की इसलिए मैं निश्चित तौर पर कप्तानी के लिए तैयार हूं. जब भी मौका मिलेगा मैं तैयार रहूंगा.’

कार्यवाहक कप्तान के लिए काफी चुनौतियां होती हैं और रोहित ने भी इसे स्वीकार किया और साथ ही कहा कि मुख्य उद्देश्य यह होता है कि खिलाड़ी टीम में अपने स्थान के बारे में सोचे बिना ही स्वतंत्रता से खेले. उन्होंने कहा, ‘जब आपके कुछ सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया जाता है तो यह किसी भी टीम के लिए चुनौतीपूर्ण होता है. निश्चित रूप से वे वापसी करेंगे और कुछ खिलाड़ियों को हटना पड़ेगा. हर टीम ऐसा कर रही है और खिलाड़ी भी इसे समझते हैं.’ रोहित ने कहा, ‘यह उन पर निर्भर करता है कि जब भी उन्हें मौका मिले, वे इस मौके का पूरा फायदा उठाएं. लेकिन हमारे लिए कप्तान के तौर पर मैं और हमारे कोच को सुनिश्चित करना होता है कि वे मैदान में जाकर बिना किसी दबाव के अपना खेल खेलें.’ महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला एशिया कप में नहीं चला, लेकिन सीरीज में नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम की कमान संभालने वाले रोहित शर्मा को इस बात का फख्र है कि उन्होंने पूर्व कप्तान से दबाव की स्थिति में शांत रहने की कला सीख ली है. कोच रवि शास्त्री ने भी नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में धोनी तरह शांत रहने वाले रोहित की तारीफ की जिनकी कप्तानी में भारत ने एशिया कप का सातवां खिताब जीता.

रोहित ने कहा, ‘मैंने उन्हें इतने वर्षों से कप्तानी करते देखा है, वह कभी भी परेशान नहीं होते है. फैसला लेने में थोड़ा समय लेते हैं. ये ऐसी चीजे हैं जो मुझ में भी हैं.’ मुंबई के इस कलात्मक बल्लेबाज ने धोनी की उन खूबियों के बारे में भी बताया जो उन्होंने अपनाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, ‘मैं सोचने के बाद ही कुछ प्रतिक्रिया देता हूं. हां, 50 ओवर के खेल में आपको समय मिल जाता है, आपके पास कुछ भी करने का समय होता है. मैंने उन्हें देखकर यह सीखा है. मैं उनकी कप्तानी में लंबे समय तक खेला हूं. जब भी जरूरत होती है वह सुझाव देने के लिए तैयार रहते है.’

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