नई दिल्ली। देश की चार शीर्ष आईटी कंपनियों ने ब्रांड वैल्यू के मामले में बाजी मारी है। पहली बार इस लिस्ट में विप्रो शामिल हुई है। हालांकि यह शीर्ष 10 कंपनियों में सबसे निचले पायदान पर रही है। दावोस में इन दिनों चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान इस रिपोर्ट को जारी किया गया है। कंपनियों के ब्रांड की वैल्यू बताने वाली फर्म ब्रांड फाइनेंस ने रिपोर्ट में बताया कि टॉप-10 में टीसीएस के अलावा इंफोसिस, एचसीएल और विप्रो हैं। इस लिस्ट में अमेरिकी आईटी कंपनी एक्सेंचर का पहला स्थान रहा। पिछले साल यह कंपनी दूसरे स्थान पर थी। अब दूसरे स्थान पर आईबीएम रही। तीसरे स्थान पर टीसीएस, चौथे स्थान पर कॉग्निजेंट, पांचवे पर इंफोसिस, छठे पर केपजेमनी, सातवें पर डीएक्ससी, आंठवे पर एचसीएल, नौवें पर एनटीटी डेटा और दसवें पर विप्रो रही। टीसीएस की ब्रांड वैल्यू में 23 फीसदी, इंफोसिस में 8 फीसदी और विप्रो में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। आईटी सेवाओं में भारतीय कंपनियों की विश्व में कुल हिस्सेदारी 25 फीसदी हो गई है। भारत की अकेले हिस्सेदारी 24.6 फीसदी हो गई है। वहीं जापान और फ्रांस की इसमें हिस्सेदारी 6 फीसदी व 8.6 फीसदी हो गई है। अभी भी इस क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियों का सबसे ज्यादा हिस्सा है। यह करीब 57.6 फीसदी है। अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी कॉग्निजेंट का मुख्यालय तो न्यू जर्सी में स्थित है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा कर्मचारी चेन्नई में हैं। कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और कोचीन में भी इसके काफी कर्मचारी हैं। ब्रांड फाइनेंस के सीईओ डेविड हेग ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि भारत में कंपनियों को स्किल्ड वर्कफोर्स, विश्वस्तरीय सुविधाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलता है।
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