नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टरचंदा कोचर ने तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बैंक के बोर्ड ने समय से पूर्व पद छोड़ने की उनकी मांग को स्वीकार करने के बाद उनकी जगह संदीप बख्शी को अगला मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर नियुक्त किया है। बख्शी का कार्यकाल 5 सालों का होगा, जो 3 अक्टूबर 2023 को पूरा होगा। आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और उनके परिवार पर लगे कथित अनियमितता के आरोपों की कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। बैंक ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा है कि कोचर के खिलाफ चल रही जांच का उसपर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बैंक कथित ‘हितों के टकराव’ और ‘फायदा के बदले फायदा पहुंचाने’ के मामले की स्वतंत्र जांच करा रहा है। चंदा कोचर और आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े मामले को SEBI के अलावा आरबीआई और कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री भी देख रही हैं। सीबीआई ने मार्च में ही कोचर के पति दीपक कोचर के खिलाफ प्रारंभिक जांच दर्ज कर लिया था और अप्रैल में कोचर के देवर राजीव कोचर से गहन पूछताछ भी की थी। आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने विसल ब्लोअर अरविंद गुप्ता के आरोपों के बाद स्वतंत्र जांच का आदेश दिया था। जिन मामलों की जांच हो रही है उनमें विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के लोन का मामला भी शामिल है। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था।
ऐसे आरोप हैं कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया।