वाशिंगटन, 30 सितंबर। कोरोना की दूसरी लहर ने सुपर पावर कहे जाने वाले अमेरिका के हेल्थ सिस्टम को पूरी तरह से नाकाम साबित कर दिया है। अमेरिका में कोरोना के चलते हेल्थ सिस्टम फिर से चरमराने लगा है, विशेष तौर पर उन राज्यों में जहां वैक्सीनेशन की गति में ठहराव आ गया है। इनमें से ज्यादातर राज्यों में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी की सरकार है। ऐसे राज्यों में आईसीयू तेजी से भर रहे हैं और ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में अस्पतालों के हाथ-पांव फूल रहे हैं।
अमेरिका में कोरोना से हर रोज औसतन 2 हजार से अधिक मौतें हो रही हैं। हालात इस कदर खराब हो गये हैं कि कई मुर्दाघरों में शवों को रखने की जगह नहीं बची है। अस्पतालों को पोर्टेबल मुर्दाघर के ऑर्डर देने पड़ रहे हैं। फ्लोरिडा के 68 अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति काफी कम है। इस राज्य में चिकित्सा सुविधाओं और निर्माण विभाग की निदेशक डोना क्रॉस ने कहा, ‘स्थिति इतनी गंभीर है कि अस्पतालों को अपनी रिजर्व ऑक्सीजन आपूर्ति का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। हमने कभी ऐसे हालात नहीं देखे।’
केंटकी और टेक्सास में भी इसी तरह के हालात हैं। कोविड अस्पतालों में मरीजों की रिकॉर्ड संख्या से डॉक्टर्स और नर्सों पर दबाव बढ़ गया हैै। इडाहो में अस्पतालों ने घोषणा की है कि वे स्वास्थ्य देखभाल के लिए ‘संकट मानकों’ को अपना रहे हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि सीमित आईसीयू और ऑक्सीजन सप्लाई की आपात स्थिति में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके बचने की उम्मीद ज्यादा है।
फ्लोरिडा में आईसीयू में वरिष्ठ चिकित्सकों में से एक डॉ. अहमद एलहद्दाद ने कहा, ‘डेल्टा वैरिएंट लोगों के फेफड़े को निगल रहा है। इस लहर में अधिकतर 30, 40, 50 वर्ष के लोग मर रहे हैं। मेरे आईसीयू में एक भी मरीज ऐसा नहीं है, जिसे टीका लगा हो।’ देश भर में आईसीयू कोरोना संक्रमित मरीजों से भरे हैं।
कम से कम 5 राज्य अरकंसास, लुइसियाना, हवाई, मिसिसिपी और ओरेगॉन में मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने के पुराने रिकॉर्ड टूट चुके हैं। बीते हफ्ते फ्लोरिडा में हॉस्पिटलाइजेशन रेट सबसे अधिक था। डेल्टा वैरिएंट का बचाव सिर्फ टीका है, लेकिन दक्षिण कैरोलिना, लुइसियाना और टेक्सास में 60% से अधिक लोगों को टीका लगाया जाना बाकी है। इसके अलावा, राज्य में शवों को रखने के लिए मुर्दाघरों में जगह कम पड़ रही है।
फ्लोरिडा में बीते हफ्ते औसतन हर रोज 227 मौतें हुई हैं। राज्य की आपदा चिकित्सा इकाई ने 12 शवों की क्षमता वाले 14 पोर्टेबल मुर्दाघर खरीदे हैं। इस इकाई की कार्यकारी निदेशक लिन ड्राडी बताती हैं कि क्षेत्र के अस्पतालों ने उन्हें बताया कि बीते हफ्ते मुर्दाघर में कोई जगह नहीं बची थी, जिसके चलते अंतिम संस्कार में देरी हुई। दूसरी तरफ, स्थिति बिगड़ने के बाद लोगों का टीके पर भरोसा बढ़ रहा है।
कैसर फैमिली फाउंडेशन के सर्वे में यह बात सामने आई है कि हाल में टीका लगवाने वाले लोगों में से 40 प्रतिशत ने कहा कि कोविड के बढ़ते मामले की वजह से उन्होंने टीका लिया। एक तिहाई से अधिक लोगों ने कहा कि अस्पतालों में भीड़भाड़ और बढ़ती मौतों ने उन्हें टीका लेने के लिए प्रेरित किया। इस वजह से अमेरिका में 77 प्रतिशत आबादी को एक डोज देने का लक्ष्य समय पर पूरा हो गया है।
मिशिगन में एक डॉक्टर ने कहा कि कोविड-19 के कुछ मरीज कोविड ट्रीटमेंट लेने से मना कर रहे हैं और इस बीमारी को फ्रॉड बता रहे हैं। दक्षिण-पूर्वी मिशिगन के ब्यूमोंट हेल्थ अस्पताल में डॉक्टर मैथ्यू ट्रुंस्की कहते हैं कि कोविड से मरने वाले कुछ मरीज उनसे कहते हैं कि तुम एक घटिया डॉक्टर हो। मुझे कोविड नहीं है और मैं मर भी जाऊंगा, लेकिन कोविड वैक्सीन नहीं लूंगा। यह एक फ्रॉड है। वे आगे कहते हैं कि उनके अस्पताल में 100 से अधिक रोगियों की कोरोना से मौत हुई हैै और 10 में से 9 ने टीकाकरण नहीं कराया था। गौरतलब है कि अमेरिका में अब तक कोविड से 7.11 लाख मौतें हो चुकी हैं। यहां दुनिया में सबसे अधिक मौतों का तांडव देखने को मिला है। कई प्रयासों के बावजूद लोग वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि अमेरिका में कोरोना के चलते होने वाली मौतों का आंकड़ा दुनिया भर में सबसे ज्यादा है।
