नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए अब देश के दूसरे हिस्सों में पढ़ रहे कश्मीरी स्टूडेंट्स को टारगेट किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जेल से निकालकर आंतक फैलाने की कोशिश वाले ‘ऑपरेशन जेल’ के फेल होने के बाद अब स्टूडेंट्स को टारगेट कर ‘ऑपरेशन स्टूडेंट’ के जरिए आतंकी अपने मंसूबों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के सीमा पार से घुसपैठ करने पर सुरक्षा बलों ने लगाम लगाई है इसलिए अब स्टूडेंट को रेडिकलाइज कर उनके जरिए आतंक फैलाने की कोशिश हो रही है। बुधवार को ही पंजाब पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जालंधर से तीन स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया है जिनके तार जाकिर मूसा के आंतकी संगठन अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़े होने का आरोप है। इंस्टिट्यूट के हॉस्टल के एक कमरे से एक असॉल्ट राइफल समेत दो हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए।
सूत्रों के मुताबिक, सीमा पार से घाटी में आतंक फैलाने के लिए अब नए तरीके पर काम किया जा रहा है। जिसे लेकर सुरक्षा बल अलर्ट हैं। पहले पाकिस्तान अपने जेलों में बंद अपराधियों को सजा माफी और पैसों का लालच देकर भारत में घुसपैठ कर आतंक फैलाने का जिम्मा दे रहा था। लेकिन घुसपैठ रोकने में भारतीय सुरक्षा बलों ने काफी कायमाबी हासिल की है जिससे अब आतंक का खेल दूसरे तरीके से जारी रखने का षडयंत्र किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि आतंक की राह छोड़ चुके लोगों को फिर से उसी राह पर लौटने के लिए दबाव बनाया ही जा रहा है और दक्षिण कश्मीर में लोकल भर्तियां की जा रही हैं साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी स्टूडेंट्स को टारगेट किया जा रहा है। आतंकियों के साथी जो उनके ओवर ग्राउंड वर्कर हैं उनसे ऐसे स्टूडेंट्स की लिस्ट तैयार करने को कहा गया है जो कश्मीर से बाहर पढ़ाई कर रहे हैं। ओवर ग्राउंड वर्कर ऐसे स्टूडेंट्स से लगातार संपर्क कर उन्हें रेडिकलाइज करने की कोशिश में हैं। उधर, सिक्यॉरिटी एजेंसियां 1 हजार से ज्यादा मेल आईडी ट्रैक कर रही हैं जिससे पता चल सके कि कौन रेडिकलाइजेशन के लिए काम कर रहा है।