नई दिल्ली। यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने आरोप लगाने वाली महिला पत्रकारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा, ‘साक्ष्य के बिना आरोप कुछ वर्गों के बीच एक वायरल बुखार बन गया है। जो कुछ भी मामला है, अब मैं लौट आया हूं, मेरे वकील इन आधारहीन आरोपों को देखेंगे और भविष्य में हमारी कानूनी कार्रवाई तय करेंगे।’ मी टू के तहत लगे इन आरोपों को चुनाव से जोड़ते हुए उन्होंने कहा, ‘आम चुनाव से कुछ महीने पहले यह तूफान क्यों उठ गया है? क्या कोई एजेंडा है? आप ही फैसला करें। इन झूठे, आधारहीन और मनगढ़ंत आरोपों ने मेरी प्रतिष्ठा और सद्भावना को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे खिलाफ किए गए दुर्व्यवहार के आरोप झूठे और गढ़े हुए हैं, जो निर्विवाद और दुर्भाग्य से मसालेदार हैं। मैं पहले जवाब नहीं दे सका क्योंकि मैं विदेश में आधिकारिक दौरे पर था।’
उन्होंने कहा, ‘झूठ में पैर नहीं होते हैं, लेकिन उसमें जहर होता है, जिसे एक उन्माद में मारा जा सकता है। यह परेशानी है। मैं उचित कानूनी कार्रवाई करूंगा।’ अकबर ने कहा, ‘प्रिया रमानी ने एक साल पहले एक पत्रिका में लेख के साथ इस अभियान की शुरुआत की थी। हालांकि उसने मेरा नाम नहीं लिया क्योंकि उसे पता था कि यह एक गलत कहानी थी। जब हाल ही में पूछा गया कि उसने मेरा नाम क्यों नहीं दिया, तो उसने एक ट्वीट में जवाब दिया ‘नाम नहीं लिया क्योंकि उसने कुछ भी नहीं किया।’ अगर मैंने कुछ नहीं किया, तो कहां और कहानी क्या है? कोई कहानी नहीं है लेकिन अविश्वसनीय, अटकलें और अपमानजनक आक्षेप का एक समुद्र कुछ ऐसा है जो कभी नहीं हुआ।