नई दिल्ली। सीबीआई में कथित घूसकांड के बाद अब जासूसी के आरोप ने मामले को और गरमा दिया है। छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर से गुरुवार सुबह चार संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया। इसके बाद इस मामले ने सियासी मोड़ ले लिया। विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे सरकार द्वारा वर्मा की जासूसी करवाने की कोशिश करार दिया। उधर, IB सूत्रों ने साफ कर दिया है कि वर्मा के निजी सुरक्षा अधिकारियों द्वारा पकड़े गए अधिकारी उनके ही थे और वे रूटीन गश्त पर थे।
एक वरिष्ठ आईबी अधिकारी ने बताया, ‘वे जनपथ में रुके थे क्योंकि वर्मा के घर के पास आम दिनों की तुलना में ज्यादा भीड़ थी।’ जनपथ में कई वीआईपी का घर है और ऐसे में खतरा भी बना रहता है। अधिकारी ने बताया, ‘आईबी यूनिटें लगातार राष्ट्रीय राजधानी के संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की जाती हैं। कभी-कभी यह स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर किया जाता है। ऐसे में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए भी कई बार ऐक्शन लेना आसान हो जाता है।’ रिपोर्ट के मुताबिक जासूसी के आरोपों पर गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की यूनिटों को गश्त ड्यूटी पर तैनात किया जाता रहा है, और वे उच्च सुरक्षा वाले इलाके में रूटीन गश्त करते हैं। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है।आपको बता दें कि गुरुवार सुबह चार संदिग्धों के पकड़े जाने के समय ऐसी रिपोर्टें थी कि उनके पास से आईबी के कार्ड मिले हैं। हालांकि अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ये असली आईबी अधिकारी हैं या नहीं। कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार जबरन हटाए गए सीबीआई डायरेक्टर की IB के जरिए जासूसी करा रही है।’ गुरुवार को सीकर रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मामले को एक बार फिर राफेल डील से जोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम ने चीफ जस्टिस और कमिटी से बिना पूछे सीबीआई डायरेक्टर को हटा दिया क्योंकि एजेंसी राफेल मामले की जांच करने जा रही थी।
गुरुवार दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आरोप लगाते हुए कहा, ‘सीबीआई चीफ की नियुक्ति एक कलीजियम के द्वारा की जाती है जबकि उन्हें हटाने से पहले सरकार ने कलीजियम से संपर्क ही नहीं किया।’ उधर, जेडीयू ने भी चार लोगों के पकड़े जाने के मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। केसी त्यागी ने कहा कि अगर ये लोग आईबी के थे और जासूसी कर रहे थे तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर इस मामले में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। बताया जा रहा है कि आलोक वर्मा के निजी सुरक्षा गार्डों ने इन संदिग्धों को पकड़ा है। सूत्रों का कहना है कि अभी इन संदिग्धों की पहचान और इनके उद्देश्यों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन ये जनपथ पर वर्मा के आवास के बाहर जासूसी करते पकड़े गए। दिल्ली पुलिस और सीबीआई की टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं।
हालांकि डीसीपी, नई दिल्ली मधुर वर्मा ने इस बात से साफ इनकार किया है कि पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि चार लोग वर्मा के जनपथ स्थित आवास के बाहर बुधवार रात से ही खड़े थे, पूछताछ के बाद उन्हें पुलिस अपने साथ ले गई। आपको बता दें कि मंगलवार देर रात सरकार द्वारा जारी आदेश के बाद आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया। इसके साथ ही कई सीबीआई अधिकारियों का तबादला भी कर दिया गया है और एम नागेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम चीफ नियुक्त किया गया है।