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आरोपियों ने इससे पहले भी उसी स्थान पर किया था चार महिलाओं का यौन उत्पीड़न

रेवाड़ी। रेवाड़ी में एक मेधावी छात्रा के साथ गैंगरेप करने वाले आरोपियों के बारे में जैसे-जैसे नए खुलासे हो रहे हैं उनका घिनौना चेहरा सबके सामने आता जा रहा है। नए खुलासे से पता चला है कि गैंगरेप के आरोपियों में से एक या उससे अधिक ने उसी क्राइम सीन पर कुछ अन्य महिलाओं का भी उत्पीड़न किया था जहां, उसने छात्रा से गैंगरेप किया था। हालांकि, पीड़ित महिलाओं और उनके परिवारवालों की चुप्पी के कारण वे हरबार बच गए थे। पुलिस ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि आरोपियों के ग्रुप ने पहले भी चार महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया था। यह जानकारी उन्हें पांच संदिग्धों से पूछताछ के दौरान मिली है। छठे संदिग्ध नवीन (निक्कू) को ओडिशा के गोपालपुर आर्मी एयर डिफेंस कॉलेज से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया नवीन आर्मी जवान है और उसने छह महीने पहले आर्मी जॉइन की है। एक अन्य आर्मी जवान पंकज को 23 सितंबर को इस केस के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को पुलिस ने महेंद्रगढ़ से अभिषेक और राजस्थान से मंजीत को गिरफ्तार किया है। उनपर मुख्य आरोपी की कथित रूप से मदद करने का आरोप है। मेवात की एसपी नाजनीन भसीन ने कहा कि घटना के सभी संदिग्धों को पकड़ा जा चुका है।

पंकज और उनके दो दोस्तों निशु और मनीष को पुलिस ने मुख्य संदिग्ध माना है। इन तीनों ने कथित रूप से 19 साल की लड़की को महेंद्रगढ़ में रोका और बस स्टॉप के पास अपहरण कर लिया जहां वह उतरी थी और उसे पंकज की कार में रेवाड़ी स्थित उनके गांव ले गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि निशु ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने इससे पहले भी कुछ महिलाओं को फुसला कर यहां लाया था जिनमें सेक्स वर्कर भी शामिल थीं। इसके बाद उसके दोस्त भी वहां आए और महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया। वे समय के साथ ढीठ हो गए थे क्योंकि किसी ने पुलिस में शिकायत नहीं की थी और न ही घटना को पब्लिक किया था। एक ग्रामीण ने बताया, ‘उन लड़कियों की शादी की उम्र हो गई थी। अगर लोग उनके बारे में जान जाते तो फिर उनका कोई भविष्य नहीं होता।’

लेकिन ग्रामीण निशु के बारे में जानते थे जो कि पैसे वाले घर से ताल्लुक रखता है। उसके पास खर्च करने के लिए पैसे होते थे और इसलिए स्थानीय लड़के उसकी तरफ खिंचे चले आते थे। वे दीनदयाल के कमरे में मिलते थे, जहां 19 साल की लड़की और अन्य महिलाओं का उत्पीड़न किया गया था। दीनदयाल को भी घटना के संबंध में गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘उनकी किस्मत खराब थी क्योंकि लड़की ने आगे बढ़कर पुलिस को घटना की सूचना दी। उन लोगों ने जानबूझकर पंकज की कार का इस्तेमाल किया था क्योंकि लड़की पंकज को अच्छे से जानती थी और उसपर कोई संदेह नहीं होता। पंकज को आर्मी की नौकरी के लिए पीड़िता के पिता ने ही ट्रेनिंग दी थी। वह निशु को भी अच्छे से जानती थी। इन लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि मामला पुलिस के पास चला जाएगा।’ निशु को मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, स्थानीय कोर्ट ने डॉक्टर संजीव की जमानत याचिका खारिज कर दी जिसे आरोपियों ने तब बुलाया था जब पीड़िता की हालत खराब होने लगी थी। संजीव को इसलिए गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उसने घटना की सूचना पुलिस को न देकर स्थानीय लोगों को दी थी। पंकज और मनीष फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। गोपालपुर से गिरफ्तार किया गया आर्मी जवान नवीन भी उसी गांव का रहने वाला है और वह 28 दिन की छुट्टी पर घर आया था। अतिरिक्त डीजीपी श्रीकांत जाधव ने बताया, ‘वह उन लोगों में शामिल था जो ट्यूबवेल (कमरे) पर तब गया था जब पीड़ित को बंधक बना लिया गया था। हालांकि, उसने घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी।’

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