नई दिल्ली। अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनवरी तक सुनवाई टलने के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जहां इसपर किसी प्रकार का बयान देने से इनकार कर दिया वहीं, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में केंद्र सरकार को अध्यादेश लाने की चुनौती दे दी। दूसरी तरफ बीजेपी के फायरब्रैंड नेता विनय कटियार ने कांग्रेस के दबाव में काम होने का आरोप लगा डाला। कांग्रेस ने मंदिर पर अध्यादेश की सुगबुगाहट पर पीएम नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है। ओवैसी ने कहा कि कोर्ट का निर्णय है और इसे हम सबको मानना पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के सब्र का बांध टूटने वाले बयान पर ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार को गिरिराज को ही कोर्ट में खड़ कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘गिरिराज का यह बयान ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था, ‘अब हिन्दुओं का सब्र टूट रहा है। मुझे भय है कि अगर हिंदुओं का सब्र टूटा तो क्या होगा?’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई जनवरी तक टालते हुए कहा कि नई पीठ इस पूरे मामले की सुनवाई करेगी।
ओवैसी ने सरकार को अध्यादेश लाने की चुनौती देते हुए कहा, ‘देश संविधान के तहत चलेगा। अगर 56 इंच का सीना है तो अध्यादेश लाइए। अध्यादेश के नाम पर किसको डरा रहे हैं। अध्यादेश लाएंगे तो फिर फटकार पड़ेगी। हम आपको देख लेंगे। इस मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम नहीं बनाया जाना चाहिए।’ कांग्रेस ने अयोध्या विवाद मामले मे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई टालने के निर्णय पर कहा कि यह कोर्ट का काम है। कांग्रेस वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ‘हर पांच साल में चुनाव से पहले बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे पर धुव्रीकरण करने की कोशिश करती है। यह मुद्दा अब कोर्ट के सामने है। सबको सुप्रीम कोर्ट के फैसला का इंतजार करना चाहिए। मैं इसमें नहीं कूदना चाहता हूं।’ राम मंदिर पर अध्यादेश के सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि इसपर पीएम मोदी को जवाब देना होगा। यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामला टलने पर किसी प्रकार की टिप्पणी से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘यह सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है और मैं इसपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। हालांकि इसके टलने से अच्छा संदेश नहीं गया है। किन परिस्थितियों ने डेट टाला है यह देखना पड़ेगा। इस मसले पर हर रोज सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाती तो अच्छा होता।
बीजेपी के फायरब्रैंड नेता विनय कटियार कहा कि जनता को सुप्रीम कोर्ट से रोज सुनवाई की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, ‘सरकार को मंदिर पर अध्यादेश लाना चाहिए।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दबाव में काम हो रहा है। कटियार ने कहा कि धैर्य धारण करने की भी कोई सीमा तो होती है, रोज सुनवाई होनी थी। कटियार ने कहा, ‘ अब साधु-संतो के साथ बैठकर नई रणनीति तय करेंगे। कोशिश जारी रहेगी। चुनाव से पहले राम मंदिर बने अब यह संभव नहीं लगता है।’ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने से पहले आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, ‘काबा बदला नहीं जा सकता, हरमंदिर साहब को नहीं बदला जा सकता, वेटिकन को बदला नहीं जा सकता और राम जन्मस्थान को बदला नहीं जा सकता, यह एक सत्य है।’ शिया वक्फ बोर्ड चीफ वसीम रिजवी ने कहा, ‘कुछ कट्टरपंथी मुल्लाओं और कांग्रेस की सियासत के कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट में फंसा है। भगवान अपने घर के लिए इंसानी अदालत के फैसले का इंतजार में है। यह शर्मनाक है।’
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