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सवर्ण वोटों को साधने के लिए 2022 में प्रियंका को यूपी का सीएम कैंडिडेट बना सकती है कांग्रेस पार्टी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लंबे वक्त से राजनीतिक वनवास झेल रही कांग्रेस पार्टी सोमवार को अपने एक नए सियासी दांव के साथ सूबे के रण में उतरने जा रही है। सियासी पिच पर नई खिलाड़ी प्रियंका गांधी वाड्रा को यूपी में इस बार कांग्रेस की राजनीतिक संजीवनी के रूप में उतारा गया है, जिसकी शुरुआत सोमवार को प्रियंका के लखनऊ में होने वाले रोड-शो से हो रही है। प्रियंका की इस एंट्री को भले ही लोकसभा चुनाव के चश्मे से देखा जा रहा है, लेकिन कांग्रेस किसी छोर पर प्रियंका को 2022 में यूपी का सीएम कैंडिडेट बनाने का प्रयास करते हुए नजर आ रही है। सोमवार को होने वाले प्रियंका के रोड-शो से पहले यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसके संकेत भी दिए हैं।
2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी की कुल 403 सीटों में से कांग्रेस को केवल 7 सीटें मिली थीं। ऐसे में, कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि यदि प्रियंका गांधी को बतौर सीएम फेस आगामी विधानसभा चुनाव में पेश किया जाता है तो इससे पार्टी को सियासी संजीवनी मिलेगी। अगर अतीत पर गौर करें तो वर्ष 1989 के बाद से ही कांग्रेस पार्टी यूपी में एक सियासी वनवास के दौर से गुजर रही है। 1989 के बाद से यूपी की सत्ता पर अलग-अलग कार्यकालों में एसपी, बीएसपी और बीजेपी का ही कब्जा रहा है। ऐसे में देश के सबसे बड़े सूबे की लोकसभा और विधानसभा सीटों पर पार्टी के वर्चस्व को बनाए रखने के लिए कांग्रेस अब समूचे यूपी में प्रियंका गांधी वाड्रा को ही अपना कोर फेस बनाकर प्रॉजेक्ट करने की तैयारी में है। इस खास रणनीति को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी उत्साह है और इसका असर लखनऊ की सड़कों पर प्रियंका के समर्थन में लगे पोस्टरों में भी साफ दिख रहा है। राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखें तो प्रियंका की सियासत अब तक यूपी के ही तमाम ध्रुवों पर सक्रिय रही है। बीते सालों तक मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली का राजनीतिक प्रबंधन देखती रही प्रियंका, पिछले काफी वक्त से सूबे की योगी सरकार पर हमला बोलती दिख रही हैं। साथ ही प्रियंका पर बीजेपी के सीधे राजनीतिक हमले भी इस बात के संकेत दे रहे हैं कि कांग्रेस नेतृत्व द्वारा उन्हें कुछ बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की तैयारी जरूर की गई है।
सोमवार को यूपी के दौरे पर पहुंच रहीं प्रियंका ने तीन दिनों तक हर रोज करीब 12 घंटे यूपी के अलग-अलग हिस्सों से आए प्रतिनिधियों से मिलने का फैसला किया है। इसके अलावा प्रियंका के इस दौरे में रोड-शो और लखनऊ में एक सभा का भी कार्यक्रम है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, 3 दिन के प्रवास में प्रियंका और पार्टी के पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां अपने-अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्र के संगठन और वरिष्ठ नेताओं से एक-एक करके मुलाकात करेंगे। इसके बाद दोनों नेता 18 से 21 तक ‘ग्राउंड जीरो’ से बैठक के दावों की हकीकत परखेंगे। शुरुआती कार्ययोजना के अनुसार, प्रियंका आने वाले वक्त में पूर्वी यूपी के कई हिस्सों में जाएंगी और इन इलाकों में सारे दौरे सड़क मार्ग से ही होंगे। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की रणनीति के तहत प्रियंका उन सवर्ण वोटरों खासकर ब्राह्मण, राजपूत जातियों पर खास फोकस करेंगी, जो कि लंबे वक्त से पार्टी से दूर हैं। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने खुद प्रियंका के साथ एक ऐसी टीम को लगाया है, जिसे उन परिवारों को दोबारा साथ लाने की जिम्मेदारी दी गई है जो कि पहले कांग्रेस के साथ थे लेकिन बदलते राजनीतिक परिदृश्य में पार्टी से दूर हो गए।

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