नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर उनके मेक इन इंडिया वाले बयान को लेकर हमला किया है। यह हमला उन्होंने भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे मातरम् को लेकर उठाए गांधी के सवाल पर किया है। राहुल ने वंदे मातरम् के ब्रेकडाउन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘यह बहुत शर्म की बात है कि आपने भारतीय इंजीनियरों, तकनीशियनों और मजदूरों की कड़ी मेहनत और प्रतिभा पर हमला करने को चुना। यह ऐसी मानसिकता है जिसे रीसेट किया जाना चाहिए। मेक इन इंडिया एक सफलता है और करोड़ों भारतीयों की जिंदगी का हिस्सा है। आपके परिवार के पास सोचने के लिए 6 दशक थे। क्या यह काफी नहीं था?’
दरअसल पीयूष गोयल ने राहुल पर यह हमला उनके एक ट्वीट को लेकर किया था। जिसमें उन्होंने सरकार की मेक इन इंडिया योजना को लेकर आलोचना की थी क्योंकि शनिवार को वंदे मातरम् वाराणसी से दिल्ली लौटते समय शनिवार को रास्ते में रुक गई थी। इसे ब्रेकडाउन बताया गया था। एक मीडिया रिपोर्ट को टैग करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, ‘मोदी जी मुझे लगता है कि मेक इन इंडिया पर दोबारा गंभीरतापूर्वक विचार करने की जरुरत है। बहुत से लोगों को लगता है कि यह विफल हो गया है। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि हम कांग्रेस में इसपर गंभीर रूप से विचार कर रहे हैं कि इसे कैसे किया जाए।’ रेलवे ने शनिवार की रात को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वाराणसी से लौटते समय यह ट्रेन टूंडला स्टेशन पार करने के बाद करीब 18 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के चम्रौला स्टेशन पर रुकी। उसने कहा, ‘ट्रेन के बाहरी हिस्से पर शायद कुछ लग जाने के कारण आखिरी की चार बोगियों और शेष ट्रेन के बीच संपर्क की दिक्कत थी। इसके बाद ब्रेक लगाए गए। खामियों के लिए ट्रेन की जांच की गई और फिर वह दिल्ली रवाना हुई।’
ट्रेन 18 को हाल ही में नया नाम वंदे भारत एक्सप्रेस दिया गया। ट्रेन अपनी पहली वापसी यात्रा पर शुक्रवार की रात करीब साढ़े दस बजे वाराणसी जंक्शन से दिल्ली रवाना हुई थी। अपनी पहली यात्रा पर वाराणसी पहुंचने के करीब 45 मिनट बाद ही ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हो गई। पहली बार ट्रेन में तड़के साढ़े छह बजे उत्तर प्रदेश में टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर दूर दिक्कत आई। उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, ‘यह मवेशी सामने आने का मामला है जिसकी वजह से पहिए फिसलने की दिक्कत आई।’ सूत्रों के अनुसार, ट्रेन एक घंटे से अधिक समय तक टूंडला के समीप फंसी रही। ट्रेन में कई पत्रकार सवार थे। उन्होंने बताया कि ट्रेन के रुकने से पहले उसकी आखिरी की बोगियों ने तेज आवाज करनी शुरू कर दी। ट्रेन में एक सूत्र ने बताया, ‘आखिरी की चार बोगियों में थोड़ी बदबू आ रही थी। थोड़ा धुआं भी उठते देखा गया। लोको पायलटों ने कुछ समय के लिए ट्रेन की गति कम कर दी। मैंने अधिकारियों को ब्रेक में खामी के बारे में बात करते हुए सुना।’
