भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को नहीं बदला और उनके नाम पर ही चुनाव लडऩे का फैसला किया। लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर जिस तरह के विवाद हुए और उसके बाद पार्टी के जितने बागी उम्मीदवार मैदान में डटे रहे उसे देखते हुए भाजपा को लगा कि जयराम ठाकुर के नाम और काम पर चुनाव जीतना मुश्किल है। इसलिए पार्टी की रणनीति बदल गई है। अब मुख्यमंत्री और प्रदेश के नेताओं सहित तमाम केंद्रीय नेता भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और उनके काम पर वोट मांग रहे हैं। शायद ही कहीं देखने को मिल रहा है कि राज्य सरकार के पांच साल के कामकाज का जिक्र हो।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हों या राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हों, सब मोदी का नाम भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। अमित शाह ने यह नैरेटिव बनाया है कि भले गुजरात नरेंद्र मोदी की जन्मभूमि है, लेकिन उनकी कर्मभूमि हिमाचल प्रदेश है। सो, मोदी की कर्मभूमि के नाम पर हिमाचल के लोगों से भाजपा को वोट देने के लिए कहा जा रहा है। इसी तरह यह भी कहा जा रहा है कि लोग भाजपा को वोट देकर डबल इंजन की सरकार बनाएं तो नरेंद्र मोदी राज्य का विकास करेंगे। नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व पर भी वोट मांगा जा रहा है। इसके लिए भाजपा के सारे नेता जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्ज खत्म करने या अनुच्छेद ३७० समाप्त करने और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का जिक्र कर रहे हैं। हालांकि अयोध्या में राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बन रहा है लेकिन भाजपा इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दे रही है। सो, चेहरा भले जयराम ठाकुर का दिखाया गया हो पर वोट मोदी के नाम पर मांगा जा रहा है।



