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मुंबई में ब्याही पाकिस्तानी दुल्हनों को दशकों बाद मिली राहत

मुंबई। दिसंबर 2017 में इमिग्रेशन रूल्स के आसान बनाए जाने के बाद से महाराष्ट्र में पाकिस्तानी नागरिकों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदनों में छह गुना वृद्धि हो गई है। इन आवेदकों में सीमा पार की तमाम दुल्हनें शामिल हैं जिन्होंने लगभग एक दशक तक नागरिकता की प्रतीक्षा की। महिमा की रहने वाली जाहिदा अंसारी (36) का मायका कराची में है। जाहिदा का निकाह उसके चचेरे भाई मोहम्मद आजम से हुआ था। निकाह के दस वर्षों तक जाहिदा को भारतीय नागरिकता का इंतजार करना पड़ा। असमा गजधर ने कहा कि भारतीय नागरिकता मिलने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि वे लोग पूरे भारत में कहीं भी बेधड़क यात्रा कर सकती हैं। असमा ने बताया कि उनके बाद जो वीजा था उसके आधार पर वह 7 साल तक मुंबई के बाहर नहीं निकलीं।
इस नियम के कारण कई दुल्हनें अपने हनीमून पर भी नहीं जा सकीं। यहां तक कि बच्चे होने के बाद भी लोनावला जाना भी उनका एक सपना ही रहा। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले छह महीने में लगभग दस प्रार्थनापत्र विभाग के पास आते थे। आज इनकी संख्या 50-60 हो गई है। अब मुंबई, पुणे, ठाणे और नागपुर के जिलाधिकारियों को इसकी पाॅवर दे दी गई है, इसलिए प्रार्थनापत्रों का निस्तारण भी समय से हो रहा है। 1985 में पाकिस्तान के सिंध से भारत आए जलगांव के डॉ. गुरुमुख जगवानी को 1990 में भारतीय नागरिकता मिली थी। गुरुमुख को 2004 में महाराष्ट्र का एमएलसी चुना गया। उसके बाद 2014 में वह फिर से एमएलसी बने। उन्होंने बताया कि बंटवारे के बाद जो भी भारत में पांच वर्षों तक लगातार रहा उसे भारतीय नागरिकता दे दी गई। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में यह समय घटाकर 2 साल कर दिया गया। यूपीए की सरकार आई तो उन्होंने इस समय सीमा को 7 साल कर दिया। बायकुला की रहने वाली जीनत फातिमा (34) मूलत: कराची की रहने वाली हैं। उनके पति शाहिद उस्मानी सॉफ्टवेयर इंजिनियर हैं। दोनों की शादी नौ साल पहले हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। शाहिद ने कहा कि उनकी पत्नी को पंद्रह महीनों के अंदर अनुमति मिल गई और अब उन्हें कार्ड भी दे दिया गया है। असमा ने बताया कि जब वह 21 साल की थीं तब उनकी शादी टे वसीम गजधर से हुई थी। असमा की मां भारत की रहने वाली थीं लेकिन शादी के बाद वह पाकिस्तान चली गईं। बचपन से असमा भारत आती-जाती रहती थीं। आज उनकी उम्र तीस साल की हो गई है उनके दो बच्चे हैं। अब जाकर उन्हें भारतीय नागरिकता मिल पाई है।

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