पेइचिंग, कोलंबो। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और इन दिनों निर्वासित जीवन जी रहे मोहम्मद नशीद के बयान को चीन सरकार ने निराशाजनक बताया है। नशीद ने मालदीव में चीन समर्थक अब्दुल्ला यामीन की हार के बाद कहा था कि मालदीव में किए गए चीन के निवेश और सभी योजनाओं की ऑडिट नई सरकार करा सकती है। सोलिह सरकार फिर से भारत के साथ संबंध मजबूत करने की दिशा में काम करेगी। इस बयान को चीन ने भावनाओं को चोट पहुंचाने वाला और निराशाजनक बताया है।
बता दें कि मोहम्मद नशीद की विदेश नीति भारत की ओर झुकी हुई थी। उनके बाद सत्ता संभालनेवाली यामीन सरकार ने लगातार भारत के साथ दूरी बनाई और चीन को निवेश और विदेश नीति का अहम सहयोगी बनाने पर जोर दिया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘हम पूर्व राष्ट्रपति के बयान से भ्रमित हैं और उनके गैर-जिम्मेदाराना बयान के लिए अफसोस प्रकट करते हैं।’ चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘यह बयान चीन की पड़ोसी राष्ट्रों के लिए सहयोगी नीति की मूल भावना को चोट पहुंचानेवाला है। हम भविष्य में भी मालदीव के साथ बेहतर संबंध और समानता और दोनों राष्ट्रों के हित को ध्यान में रखते हुए आगे काम करने के लिए तत्पर हैं।’ यामीन सरकार में मालदीव के चीन के साथ संबंध काफी मजबूत थे। यामीन सरकार ने संसद में बिना किसी विमर्श के ही चीन के साथ मुक्त व्यापार के फैसले पर मुहर लगाई थी। मालदीव चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के महत्वाकांक्षी योजना वन रोड वन बेल्ट को भी अपना समर्थन देते रहे थे।