वॉशिंगटन। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप +की ओर से नामित किए गए जज ब्रेट कैवनॉग के खिलाफ यौन उत्पीड़न का एक और मामला सामने आया है। सीनेट के डैमोक्रेट सदस्य इस आरोप की जांच कर रहे हैं। मीडिया में आई खबर में यह दावा किया गया। इस नए खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज पद पर कैवनॉग की नियुक्ति पक्की करने की प्रक्रिया और जटिल हो सकती है। पहले से ही यौन उत्पीड़न के एक आरोप का सामना कर रहे कैवनॉग ने नए आरोप को सिरे से खारिज किया। यह मामला 1980 के दशक के उस दौर का है जब वह येल यूनिवर्सिटी में प्रथम वर्ष के छात्र थे। कैवनॉग और उन परयौन उत्पीड़न + का पहला सार्वजनिक आरोप लगाने वाली क्रिस्टीन ब्लेजी फोर्ड गुरुवार को सीनेट की न्यायपालिका समिति के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने वाली हैं। जज कैवनॉग ने वाइट हाउस के जरिए जारी किए गए एक बयान में कहा, ‘35 साल पहले की यह कथित घटना कभी नहीं हुई। उस वक्त मुझे जानने वाले लोग जानते हैं कि ऐसा नहीं हुआ और उन्होंने ऐसा कहा भी है। यह दुर्भावनापूर्ण और स्पष्ट है।’
‘द न्यू यॉर्कर’ मैगजीन की ओर से ताजा आरोप प्रकाशित किए जाने के बाद जज ब्रेट कैवनॉग + ने कहा कि उन्हें सच्चाई के बारे में गुरुवार को अपना बयान दर्ज कराने का इंतजार है। उन्होंने कहा, ‘अपनी अब तक की अर्जित प्रतिष्ठा की रक्षा करेंगे।’ कैवनॉग के खिलाफ यौन उत्पीड़न के ताजा आरोप 1983-84 के दौरान के हैं जब वह येल यूनिवर्सिटी में छात्र के तौर पर नए थे। मैगजीन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि डैमोक्रेटिक पार्टी के कम से कम दो सीनेटर इन आरोपों की जांच कर रहे हैं। मैगजीन ने आरोप लगाने वाली महिला की पहचान डेबरा रामीरेज (53) के तौर पर की है। वह कैवनॉग के साथ येल में पढ़ाई करती थी। महिला ने वहां से समाजशास्त्र और मनोविज्ञान की पढ़ाई की। आरोप लगानेवाली महिला ने घरेलू हिंसा + के पीड़ितों का समर्थन करने वाले संगठन में कई साल तक काम किया। वाइट हाउस अब भी कावानाह के समर्थन में खड़ा है। वाइट हाउस की प्रवक्ता केरी क्यूपेक ने कहा, ‘यह 35 साल पुराना, अपुष्ट दावा डैमोक्रेट्स की ओर से चलाया गया नया दुर्भावनापूर्ण अभियान है, जिसका मकसद एक भले आदमी को बदनाम करना है।’ उन्होंने कहा कि इस दावे का उन सभी ने खंडन किया है जो उस वक्त मौजूद थे। वाइट हाउस पूरी मजबूती से कैवनॉग के साथ खड़ा है।