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बढ़ गया जहरीली हवा का खतरा, डीजल से चलने वाले निजी वाहनों पर रोक लगाने की तैयारी

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में शनिवार को प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की आशंका के बीच डीजल वाले निजी वाहनों पर रोक लगाने का फैसला लिया जा सकता है। दरअसल, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग के नेतृत्व वाली टास्क फोर्स की शनिवार को अहम बैठक होनी है जिसमें पूरे दिल्ली-एनसीआर में डीजल वाले निजी वाहनों पर रोक लगाने का फैसला हो सकता है। कोर्ट के निर्देश पर बनी अथॉरिटी EPCA के चेयरमैन भूरे लाल का कहना है कि हालात काफी खराब हो चुके हैं, ऐसे में गाड़ियों का ऑड-ईवन सिस्टम कारगर नहीं होगा। डीजल अब सड़कों पर प्राइवेट गाड़ियों की संख्या घटाने के कदम उठाए जाएंगे। पब्लिक ट्रांसपॉर्ट सिस्टम मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों से कहा गया है।
बताया जा रहा है कि बहुत ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में अक्सर जाम में फंसे रहने वाली चुनिंदा सड़कों पर सभी तरह के प्राइवेट वाहनों पर बैन लगाने का निर्णय भी लिया जा सकता है। इनमें डीजल, पेट्रोल और सीएनजी से संचालित वाहन भी शामिल होंगे। मोटरसाइकलों को भी इसके दायरे में लाए जाने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में करीब 48 लाख टू-वीलर्स और 24-25 लाख कारें हैं, जिनमें से ढाई लाख कारें डीजल संचालित हैं। कंस्ट्रक्शन, कोयले से चलने वाले उद्योग, ईंट भट्टे, स्टोन क्रशर आदि को शनिवार तक बंद करने के फैसले को आगे बढ़ाकर छठ (14 नवंबर) तक लागू किया जा सकता है।

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